...पंच-सरपंच सम्मेलन कही प्रोटोकॉल का उल्लंघन तो नहीं!

शिवपुरी। आगामी 9 जुलाई को आयोजित होने वाले पंच-सरपंच सम्मेलन में जिला पंचायत शिवपुरी के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र जैन गोटू ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुरैना-श्योपुर के सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर व जिले के प्रभारी मंत्री के.एल.अग्रवाल को आमंत्रित किया गया है। इस कार्यक्रम के बारे में बताया गया है कि कांग्रेसी इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन मान रहे है जबकि अभी कुंछ दिनों पहले ही यहां शिवपुरी में फोरलेन का निर्माण कराने के लिए भूमिपूजन किया गया तब भी कांग्रेसियों ने ही प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया था। जिसमें स्थानीय भाजपा विधायक माखन लाल राठौर को आमंत्रित तक नहीं किया गया। इसी तर्ज पर जिला पंचायत के तत्वाधान में आयोजित होने वाला यह सम्मेलन भी इसी की परिणीति नजर आता है। ऐसे में अब कांग्रेसियों को प्रोटोकॉल का उल्लंघन नजर नहीं आता।
वैसे तो शिवपुरी की जनता प्रोटोकॉल उल्लंघन की शिकायतों से इसलिए उकता चुकी है क्योंकि जब भी जिस राजनैतिक दल को प्रोटोकॉल उल्लंघन का मौका मिलता है वह इससे नहीं चूकता। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों पर प्रोटोकॉल उल्लंघन के आरोप लग चुके हैं। यह दिल से स्वीकार कर लेना चाहिए कि भाजपा नेताओं की चली तो मुख्य अतिथि के रूप में वह अपने दल के नेता को ही बुलाएंगे और कांग्रेस भी ऐसा ही करेगी। ऐसी स्थिति में राजनेताओं को बड़प्पन का परिचय देना चाहिए और प्रोटोकॉल उल्लंघन की शिकायत कर एक तरह से अपना उपहास नहीं उड़ाना चाहिए। प्रोटोकॉल उल्लंघन की प्रतिक्रिया स्वरूप जिले में हिंसक घटना भी घटित हो चुकी है। 

सेसई में जब एक छात्रावास के उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को आमंत्रित न कर राज्य सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा को आमंत्रित किया तो कांग्रेस ने इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप वहां जमकर हंगामा मचाया। पुलिस ने लाठियां भांजी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज हुए। ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया ने भी जब बाउंड्रीवॉल का भूमिपूजन किया तो स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को आमंत्रित न करने पर कांग्रेस ने बाबेला मचाया। एक बार तो कांग्रेस और भाजपा के बीच प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर विवाद इतना गहराया कि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और यशोधरा राजे सिंधिया आमने सामने आ गए थे। 

हाल ही में फोरलेन सड़क का भूमिपूजन केन्द्रीयमंत्री द्वय ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद ने किया। लेकिन इस समारोह में स्थानीय भाजपा विधायक माखनलाल राठौर को आमंत्रित नहीं किया गया जबकि श्री राठौर कभी भी सिंधिया की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने का मौका नहीं छोड़ते। अब कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पंच सरपंच सम्मेलन में प्रोटोकॉल उल्लंघन किया जा रहा है और स्थानीय सांसद को आमंत्रित न कर बाहरी सांसद को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। कुल मिला कर श्रेय की लड़ाई के चक्कर में प्रोटोकॉल उल्लंघन की घटनाएं सामने आती हैं। अब देखना होगा कि आगामी 9 जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का नियम अड़ंगे आता है अथवा यूं ही आयोजित कार्यक्रम सफल माना जाएगा।