बड़े भाई की हत्या: उसने बैलगाड़ी का खैरोरा निकाला और सर में दे मारा

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शिवपुरी। अमोला थाना क्षेत्र के अमोलपठा में दो भाईयों के बीच खेत में रखे पम्प को लेकर विवाद गहरा गया। जिस पर दोनों भाई में विवाद हुआ। इतने में छोटे भाई ने आव देखा ना ताव और बैलगाड़ी में लगा कृषि यंत्र खरौरा निकालकर बड़े भाई के सिर में दे मारा जिससे वह मौके पर ही अचेत होकर परलोक सिधार गया। इस वीभत्या घटना को अंजाम देने के बाद छोटा भाई अपने साथी के साथ मौके से फरार हो गया। पुलिस ने मामला विवेचना में ले लिया है।

जानकारी के अनुसार अमोलपठा क्षेत्र में रामसिंह पुत्र लालाराम उम्र 30 वर्ष और उसका सगा छोटा भाई राकेश मिल-जुलकर खेत में कृषि कार्य करते थे और दोनों के खेतों में एक ही पम्प से पानी जाता था। शनिवार के दिन भी जब सुबह राकेश अपने साथी दशरथ पुत्र सवाई लाल बघेल के साथ पानी दे रहा था कि तभी रामसिंह भी वहां आ गया और पम्प को उठाकर अपने खेत में पानी देने के लिए ले जाने लगा। 

जिस पर राकेश ने रामसिंह को पम्प ले जाने से रोका और ऐसा ना करने पर दोनों छोटे राकेश व उसके साथी दशरथ ने मिलकर अपने बड़े भाई से मुंहवाद किया और मारपीट करने लग। यह विवाद चंद पलों में ही ऐसा बढ़ा कि छोटे भाई राकेश ने वहां खड़ी बैलगाड़ी से खरौरा निकालकर अपने बड़े भाई रामसिंह के सिर में दे मारा। जिससे रामसिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। रामसिंह को मृत देखक राकेश व दशरथ मौके से भाग खड़े हुए। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस वारदात स्थल पर पहुंची जहां पंचनामा तैयार कर लाश पीएम के लिए भेजा और आरोपीगणों के विरूद्ध धारा 302 के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए विवेचना शुरू की। 

समाचार लिखे जाने तक आरोपीगण पुलिस की गिरफ्त से बाहर बने हुए थे जिनकी तलाश में पुलिस अपनी गुप्तचरों की मदद ले रही थी। जब यह मामला जनता के बीच पहुंचा तो सभी जगह इसे घोर कलियुग की पराकाष्ठा कहा गया जहां भाई ने भाई की हत्या कर कलियुग के लक्ष्णों को दर्शाया है। अमोलपठा में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ और जितने मुंह उतनी बातें हो रही है। हर गली-चौराहे पर इस मामले की सबदूर चर्चा बनी हुई है।

बहिनों ने पुलिस को पढ़ाया इंसानियत का पाठ

इंसान की इंसानियत इससे ही झलक जाती है कि जब अपने बड़े भाई रामसिंह की हत्या करने के बाद राकेश फरार हो गया तो पुलिस रामसिंह के घर पहुंची। जहां दोनों भाई रहते है जब राकेश वहां नहीं मिला तो उसकी पत्नी को पुलिस ले जाने लगी। जिस पर मृतक रामसिंह की पत्नी ने अपनी छोटी बहिन को इस हत्या में शामिल नहीं होना बताया और कहा कि उसके पति ने हत्या की है तो उसे जाकर पकड़ो। 

मेरी बहिन को परेशान मत करो। इस तरह देखा जाए तो जहां दो भाईयों में आपसी तकरार ऐसी खिंची कि छोटे ने बड़े की हत्या कर दी तो वहीं बड़ी बहिन ने अपने ही पति के हत्यारोपी छोटी बहिन के पति को दोषी तो बताया परन्तु उसकी पत्नी को अपनी बहिन का आश्रय देकर पुलिस के चंगुल से बचा लिया। इस तरह दोनों सगी बहिनों ने पुलिस को इंसानियत का पाठ पढ़ाया कि दोषी है तो उसे पकड़ो और जो सजा देना है कानून दे लेकिन निर्दोष को पकड़कर दोषी की सजा उसे क्यों दी जाए, यह मामला देख पुलिस भी मौके से खाली हाथ लौट आई और राकेश की तलाश में जुट गई।
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