शिवपुरी में एक नया डाकू गिरोह, मुक्त हुए ग्रामीणों ने बताया

शिवपुरी-बीते 8 मई को पोहरी थाना अंतर्गत आने वाली भटनावर चौैकी के जंगल से अपह्त हुए सगे भाईयों को छुड़ाने के लिए लगी पुलिस को रविवार-सोमवार मध्यरात्रि को उस समय सफलता हाथ लगी जब रात के अंधेरे में ये दोनों सगे भाई पुलिस के हाथ लगे। अपहृत मिलने के बाद पुलिस ने अपना सर्चिंग अभियान जंगल में जारी रखा लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी डकैत पुलिस के हाथ नहीं लगे और रात्रि के समय में डकैत अपहृतों को छोड़कर मौके से भाग खड़े हुए। इन अपहृतों के छूटने के बाद भी पुलिस का सर्चिंग अभियान निरंतर बना हुआ है। वहीं पुलिस को मिले अपहृतों की हालत ठीक न होने के कारण उनसे पूछताछ नहीं की गई उनके स्वस्थ्य होने के बाद डकैतों व पूरे मामले की जानकारी ली जाएगी।

उल्लेखनीय है कि जिले के पोहरी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाली भटनावर चौकी निवासी प्रहलाद व उसके पुत्र बंटी व मुकेश बीती 8 मई को जब जंगल लकड़ी लेने गए थे उस समय पांच सदस्यीय हथियारबंद गिरोह ने बंटी और मुकेश का अपहरण कर लिया था। इस दौरान उन्होंने प्रहलाद को यह कहते हुए रिहा कर दिया था कि किसी भी तरह जल्द से जल्द 1 लाख रुपए फिरौती का इंतजाम करो। 

सूत्रों का कहना है कि प्रहलाद कुछ ही घंटों में फिरौती का इंतजाम कर पुन: उस स्थान पर पहुंचा भी जहां डकैतों ने पैसा मंगाया था, लेकिन उससे पहले ही डकैतों को पुलिस के आने की भनक लग गई और वह बिना फिरौती लिए अपह्तों को लेकर जंगल में समा गए। घटना के बाद से पुलिस कप्तान आरपीसिंह के नेतृत्व में कई टीमें जंगल में सर्चिंग कर रही थी, लेकिन उन्हें न तो डकैतों का कोई सुराग लग सका और न अपह्तों का सोमवार अल सुबह नाटकीय अंदाज में दोनों अपह्त बंटी व मुकेश अपने घर पहुंच गए इस बात की सूचना पुलिस अधीक्षक शिवपुरी को लगी तब वे मौके पर पहुंचे और उन्होंने छूटकर आए अपह्तों से मामूली पूछताछ की। 

अपह्तों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस कप्तान ने दो टीमों को चिन्हित स्थानों पर डकैतों की तलाश में लगा दिया है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि युवकों का अपहरण करने वाला गिरोह कोई लोकल है और जल्द ही उसे चिन्हित कर पकड़ लिया जाएगा।

ये हैं अपहृतों की जुबानी

12 बोर की बंदूक, लाठियांव सोलर प्लेट से चार्ज होने वाला मोबाईल है गिरोह के पास मुक्त होकर आए बंटी और मुकेश के अनुसार 5 सदस्यीय इस गिरोह में सभी सदस्य 25 से 35 वर्ष की उम्र के हैं। इन डकैतों में से दो के पास 12 बोर की बंदूक व अन्य के पास लाठियां हैं। गिरोह के पास मोबाइल बैटरी चार्ज करने वाली एक सोलर प्लेट भी होने की बात इन्होंने बताई। गिरोह ने इन पांच दिनों में बंटी और मुकेश से खाना बनवाया।

पूरे गिरोह को है शराब की लत

बंटी और मुकेश की कही बात पर यदि यकीन किया जाए तो मामा के नेतृत्व वाले इस गिरोह के सभी सदस्य पूरी तरह शराबी हैं जो रोजाना खाने के साथ शराब का सेवन करते हैं। इनके पास प्रतिदिन यह शराब कहां से आती इस बारे में ये कुछ नहीं बताते थे। शराब के अधिक सेवन के चलते ही बंटी और मुकेश को भागने का मौका मिला और ये भागने में सफल रहे।

नाटकीय अंदाज में छूटे अपहृत

बंटी और मुकेश की कही बातों के अलावा यदि ग्रामीण सूत्रों की बात पर यकीन किया जाए तो बंटी और मुकेश की रिहाई फिरौती देकर हुई है। इनके परिजन दो दिन पूर्व इनकी खोज में जंगल गए थे और कल शाम जब अपने घर लौटे थे तो वह पूरी तरह आश्वस्त थे। कल शाम से ही यह चर्चा आने लगी कि जल्द ही बंटी और मुकेश की सकुशल रिहाई हो जाएगी और यही कारण रहा कि नाटकीय अंदाज में दोनों अपने घर पहुंच गए।

एसपी ने कहा पप्पू का हाथ नहीं

बंटी और मुकेश की रिहाई के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए पुलिस अधीक्षक आरपीसिंह ने कहा कि अब तक जो रिहा युवकों से बात हुई है उसके अनुसार इतना तो सौ-आने सत्य है कि यह गिरोह पप्पू गुर्जर का नहीं है। गिरोह की जो बातें सामने आईं हैं उससे यह लगता है कि यह कोई लोकल गिरोह है।