शिवपुरी। आज दूधियों और हलवाईयों की फिक्सिंग देखने को मिली। दूधियों ने दूध की कीमतों में 3 रुपए बढ़ाने की मांग की, हड़ताल की धमकी दी और हलवाईयों ने बीच बचाव कर 2 रुपए पर समझौता कर लिया। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि दूधियों ने कीमत बढ़ाने की मांग किससे की, हड़ताल की धमकी किसे दी, और समझौता किसने किया..? इसमें कलेक्टर या खाद्य विभाग या अखबारों का तो कोई रोल ही नही रहा। न मांग, न चेतावनी, न प्रेस कान्फरेंस न प्रेस रिलीज। सबकुछ सावरकर उद्यान में हुई एक पिकनिक पार्टी में ही निपट गया और फिर जारी हुआ प्रेस रिलीज। आप खुद पढि़ए एक ऐसे आंदोलन की पटकथा जो हुआ ही नहीं :-
शहर के बीचों बीच स्थित वीर सवारकर उद्यान में दूधियों ने दूध की 3 रूपए रेट बड़ाने को लेकर बीते रोज से हड़ताल पर जाने को तैयार कर रहे थे तभी वहां शहर के दूध व्यवसायी व हलवाई संघ के पदाधिकारी वीरसावर कर उद्यान में पहुंच गए जहां उन्होंने दूधियों की बातों को सुनकर उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए दूध 2 रूपये महंगा कर दिया।
जानकारी के अनुसार हलवाई संघ के अध्यक्ष राकेश जैन पे्रेम स्वीट्स ने दूधियों को समझाते हुए कहा कि आप एक दम तीन रूपए का बोझ किसी भी दुकान दार के साथ-साथ आम आदमी के सिर पर न डालें और हम सभी लोगों की सहमति से आपकी मांग को स्वीकार करते हुए दो रूपए कि.लो हिसाब दूध की रेट अब 26 रूपए कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार हलवाई संघ के अध्यक्ष राकेश जैन पे्रेम स्वीट्स ने दूधियों को समझाते हुए कहा कि आप एक दम तीन रूपए का बोझ किसी भी दुकान दार के साथ-साथ आम आदमी के सिर पर न डालें और हम सभी लोगों की सहमति से आपकी मांग को स्वीकार करते हुए दो रूपए कि.लो हिसाब दूध की रेट अब 26 रूपए कर दी गई है।
जिस पर सभी दूधिये खुश गए और जिससे दूधियों को अब हड़ताल करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। इसी बात पर से शहर भर के दूध व्यावसाईयों एवं हलवाईयों ने एक होकर दूधियों की मांगों को सुनकर दूध की रेट में इजाफा कर दिया है। इसी के चलते आज से शहर में 26 रूपए कि. की रेट से अब दूध मिलेगा। इस अवसर पर मोहन सेसई बाले, अशोक बंसल, चौरसिया, राजाराम दूध वाले, दीपक, मुकेश जैन जैन दूध डेयरी सहित अन्य दूध व्यवसायी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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