पूर्व सचिव का चैक बाउन्स, तीन माह की सजा

शिवपुरी-जिला न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आरएम भगवती ने लालगढ़ के पूर्व सचिव बलबीर सिंह पुत्र कैलाश सिंह रावत को एक चैक बाउन्स होने के मामले में धारा 138 निगोसीयेबिल इन्ट्रूमेंट एक्ट के अपराध के लिए तीन माह के सश्रम कारावास एवं 20 हजार रूपए दण्ड से दण्डित किया है। जुर्माने के व्यक्ति क्रम में दो माह का प्रथक से कारावास भुगताने के आदेश दिए हैं।
प्रकरण अनुसार न्यायालय आरएम भगवती के न्यायालय में आवेदक मुकेश शिवहरे ने अपने वकील जितेन्द्र सिकरवार, राजेन्द्र सिकरवार के माध्यम से एक आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें कहा गया था कि आरोपी बलबीर सिंह पुत्र कैलाश सिंह रावत पूर्व सचिव लालगढ़ ने 25 मई 2010 को एक चैक राशि 17 हजार रूपए का मुकेश शिवहरे को दिया था। आवेदक मुकेश शिवहरे ने ऑरियण्टल बैंक में इस चैक को भुगतान हेतु प्रस्तुत किया तो चैक बाउन्स हो गया। चैक की राशि प्राप्त न होने पर आवेदक मुकेश शिवहरे ने धारा 138 के तहत न्यायालय में गुहार लगाई। गुहार लगाते हुए आवेदक ने बताया कि आरोपी बलबीर सिंह से आवेदक को 81 हजार 100 रूपए लेने थे। 

पूर्व में एक प्रकरण न्यायालय कु. प्रतिष्ठा अवस्थी के न्यायालय में चला था जिसमें राजीनामा होने पर आरोपी ने 17 हजार रूपए का चैक और शेष राशि नगद रूप में आवेदक को दी थी। जिस 17 हजार रूपए की राशि का चैक आवेदक को दिया गया था वह वाउन्स हो गया इसी आधार पर पुन: मुकेश शिवहरे ने न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के यहां गुहार लगाई थी। न्यायालय ने दोनों उभय पक्षों के तर्को को सुनने के बाद आरोपी बलबीर सिंह पुत्र कैलाश रावत जो पूर्व सचिव लालगढ़ है। को तीन माह के सश्रम कारावास एवं 20 हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया है।

सरकार को भी लगा चुका है चूना

 लालगढ़ के पूर्व सचिव को न्यायालय ने तीन माह के कारावास से दण्डित किया है वह पूर्व सचिव बलबीर सिंह रावत सचिव पद पर रहते हुए लालगढ़ पंचायत से 7.47 लाख का फर्जी आहरण कर शासन को चूना लगा चुका है। बताया जाता है कि लालगढ़ पंचायत सचिव के पद पर रहते हुए बलबीर ने फर्जी हस्ताक्षर और दस्तावेजों के आधार पर लालगढ़ पंचायत के खाते से विभिन्न दिनांकों में 7 लाख 47 हजार रूपए निकाल लिए थे। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने इसकी जांच कराई और इसके बाद इस सचिव पर एफआईआर दर्ज कराई गई।