आंसुओं के बीच जांबाज फोरेस्ट गार्ड की विदाई

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राकेश डागौर
शिवपुरी. गत दिवस मझेरा के निकट एबी रोड किनारे मिली फॉरेस्ट गार्ड विशाल प्रभाकर की लाश पीएम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दी। परिजनों ने विशाल की मौत को लेकर शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की। क्योंकि विशाल रात्रि डयूटी के दौरान अपने कार्य को बखूबी अंजाम देता था ऐसे में उसे शहीद का दर्जा दिया जाए तो यह शिवपुरी के लिए भी गौरव की बात होगी। पीएम के बाद विशाल की अंतिम यात्रा के दौरान इस जांबाज शहीद फॉरेस्ट गार्ड को नम आंखों से नगरवासियों ने अंतिम विदाई दी। जहां भावुकपूर्ण माहौल को देखकर सभी लोगों की आंखों में अश्रु नजर आ रहे थे। शिवपुरी के इतिहास में विशाल एक अमिट छाप छोड़ गया है जिसकी अब यादें ही शेष रह जाऐंगी।
शहीद हुए फॉरेस्ट गार्ड विशाल प्रभाकर ने कभी नहीं सोचा था कि नियति उसे ऐसा भी दिन दिखाएगी जहां उसे जीवन की अंतिम विदाई के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ेगा। मुक्तिधाम उमड़े जनसैलाब ने शहीद हुए विशाल को अश्रुपूरित विदाई देकर यह सिद्ध कर दिया कि उसके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। खदान माफिया के विरूद्ध अपने कार्य पर अड़े वन रक्षक विशाल प्रभाकर ने हर मुसीबत का सामना करते हुए नाईट डयूटी की। इसके लिए मुक्तिधाम परिसर में भी उपस्थित सर्वत्र जनों ने विशाल के कार्यों की प्रशंसा की। अंबेडकर नगर से निकली विशाल की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए हर नगरवासी आतुर दिखा और कंधा देने के लिए हजारों हाथ आगे होते नजर आए। मुक्तिधाम मेें दिवंगत फॉरेस्ट गार्ड विशाल प्रभाकर को मुखाग्नि देने की तैयारी थी दु:ख इतना भारी था कि वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें भी सूख गई थी। विशाल को अग्नि देने के साथ हर व्यक्ति उसके कार्यों को याद करते हुए अपनी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दे रहा था। अंत में सभी ने दो मिनिट मौन धारण कर विशाल के परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की।

फेसबुक पर भी छाया रहा विशाल

वन रक्षक के रूप में पदस्थ शहीद विशाल प्रभाकर की मौत की खबर जैसे ही शिवपुरी.दभास्कर.कॉम के माध्यम से जन-जन को लगी तो हर व्यक्ति ने नम आंखों से विशाल को हाथों-हाथ लिया और हर जगह फेसबुक पर विशाल प्रभाकर छाया रहा। लोगों ने अपने बॉल पर विशाल के चित्र को पेस्ट किया और उनकी अंतिम यात्रा के चित्र के साथ अपनी शोक संवेदनाऐं प्रकट की।
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