संतोष कुमार शर्मा
पोहरी-इन दिनों पोहरी पुलिस के थाना प्रभारी को केवल कच्ची शराब बेचने वाले ही नजर आ रहे हैं जबकि ठेकेदार के द्वारा गांव-गांव में खोली गई अवैध कलारियों की ओर उनकी नजर नहीं जा पा रही है जिसके पीछे का रहस्य किसी से छुपा नहीं हैं। थाना प्रभारी के द्वारा आये दिन कच्ची शराब बेचने वालों को पकड कर उनके खिलाफ आबकारी एक्ट की कार्यवाही कर दी जाती है। परंतु ठेकेदार चाहे मंदिर के सामने शराब बेचे, ड्राई डे के दिन शराब बेचे, गांव-गांव में शराब बेचे यह पोहरी थाना प्रभारी और अनुविभाग के आला अधिकारियों को नजर नहीं आता।
कोतवाल साहब को दिखती, केवल बंजारा विस्की
जब पोहरी थाना प्रभारी से अवैध रूप से शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात की जाती है तो महज कुछ आदिवासियों या बंजारा जाति के लोगों के खिलाफ जहरीली बंजारा विस्की का मामला बनाकर आबकारी एक्ट की धारा 34 लगाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी जाती है, असल में पोहरी के आसपास के गांवों में ठेकेदार द्वारा अपने लोगों से कमीशन के आधार पर शराब की विक्री कराई जा रही है, परंतु पोहरी थाना प्रभारी शराब कारोबारियों के फेर में ऐसे फंसे हैं ठेकेदार के कहे अनुसार ही आबकारी एक्ट की कार्यवाही बंजारा विस्की बेचने वाले कुछ लोगों पर करते हैं। जब इस बारे में खबरनवीस चर्चा करना चाहते हैं तो प्रभारी महोदय सरकार के निर्णय को ही अनुचित ठहरा देते हैं और गुजरात की तर्ज पर मप्र में शराब विक्री पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करते नजर आते हैं। हमारा कहना है कि कोतवाल महोदय आप अपना काम करो नितियां बनाने का कार्य सरकार को करने दो।गांव-गांव में खुली अवैध कलारी
पोहरी के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से कमीशन के वेस पर मिलावटी मदिरा खपाई जा रही है, कई गांवों में शराब विक्री का लायसेंस न होने के बाद भी शराब की दुकानें खुली हुई हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या ठेकेदार को पोहरी की मदिरा दुकान के अलावा गांव में भी शराब बेचने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जब शासन से एक ही स्थान पर मदिरा विक्रय का लायसेंस ठेकेदार को दिया गया है तो फिर शिकायतों के बाद भी पुलिस और आबकारी विभाग कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है। पोहरी के पिपरघार, वेशी, घटाई, परासरी, राठखेडा, ग्वालीपुरा, भटनावर, खोड, मचा कोल्हापुर आदि गांवों में अवैध रूप से ठेकेदार के द्वारा शराब की विक्री कराई जा रही है।नियमों की अनदेखी करते नियमों का पालन कराने वाले
वर्तमान में जहां शराब की दुकान स्थापित है वहां से मंदिर, पुलिस थाना, बसों के रूकने की जगह और हाई वे की दूरी नियमों के अनुसार नहीं हैं। आबकारी एक्ट के दुकान स्थापना संबंधी निर्देशों के अनुसार मदिरा की दुकान ऐसे स्थानों से कम से कम सौ मीटर की दूरी पर स्थापित होना चाहिये, परंतु पोहरी के जिम्मेदार अधिकारी जो शासन के नियमों का पालन कराने का जिम्मा लेकर बैठे हैं वे आखिर चुप क्यों हैं क्या मुख्य चौराहे पर नियमों के विपरीत धडल्ले से चल रही शराब की दो-दो दुकानें उन्हे नजर नहीं आती या फिर वे गांधीजी चित्र वाले कागजों की चमक के आगे गांधीजी के ही बंदर बनने का असफल प्रयास कर रहे हैं।अवैधरूप से कच्ची शराब बेचने वालों को रोकने के लिये हम प्रयासरत हैं तथा कच्ची शराब के इस्तेमाल से लोगों का जान का जोखिम होता है। जिसके चलते उसे रोकना हमारी जिम्मेदारी है।
विश्वजीत परिहार
थाना प्रभारी, पोहरी
थाना प्रभारी, पोहरी
यदि किसी गांव में अवैध रूप शराब की विक्री कराई जा रही है तो संबंधित बेचने वाले और ठेकेदार के खिलाफ भी कार्यवाही की जायेगी।
अरविंद रोस्टा
आवकारी निरीक्षक, पोहरी
आवकारी निरीक्षक, पोहरी
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