देखिए कमाल: 306 के आरोपी को पुन: कोलारस तहसीलदारी की ताजपोशी

क्या फिरोज खान को मिल पाएगा न्याय
क्या जांच प्रभावित नहीं होगी मामले की
शिवपुरी. कोलारस क्षेत्र में पटवारी के पद पर पदस्थ रहे फिरोज खान मौतकांड में तहसीलदार लच्छीराम कोली को पुलिस ने आरोपी बनाया है। लेकिन तहसीलदार को जिला प्रशासन ने कोलारस पुन: कार्यभार सौंप दिया है जिससे क्षेत्र के पटवारी व जनता में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। बताया जाता है कि तहसीलदार लच्छीराम कोली ने कोलारस पहुंचकर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। विवादित अधिकारी पर पुलिस प्रकरण एवं विभागीय जांच जारी रहते हुए भी जिला प्रशासन ने यह कदम क्या सोचकर उठाया है, लोगों  के सामने यह एक प्रश्न बनकर सामने आया है।
उल्लेखनीय है कि कोलारस के एक गांव में पदस्थ पटवारी फिरोज खान की 11 फरवरी को घसारई के माधव लेक तालाब में लाश मिली थी। मृतक पटवारी मौत से पहले सुसाइड नोट छोड़ गया था जिसमें उसने मौत के पीछे कोलारस तहसीलदार लच्छीराम कोली को दोषी ठराहते हुए लाखों रूपए की मांग करना बताया था। घटना के बाद लाश को लेकर मृतक के परिजनों एवं मुस्लिम समाज के कई बंधुओं ने इस मामले में दोषी तहसीलदार लच्छीराम कोली के विरूद्ध मामला दर्ज करने को लेकर उग्र प्रदर्शन किया था। 
पटवारी फिरोज खान द्वारा लिखा गया
सुसाइड नोट
 

मृतक पटवारी के पास से मिले सुसाइड नोट व परिजनों के कथनों के आधार पर 22 मार्च को देहात थाना पुलिस ने तहसीलदार के विरूद्ध आत्म हत्या के लिए उत्प्रेरित करने की धारा 306 का मामला कायम किया था। बीते रोज जिला प्रशासन ने विवादित तहसीलदार को फिर से कोलारस भेज दिया है। अधिकारी-कर्मचारी एवं जनमानस में इस पदस्थापना को लेकर खुसुर-फुसुर शुरू हो गई है। आखिर विवादित अधिकारी को उसी स्थान पर किसके इशारे पर भेजा गया है। 
 

क्या कहते हैं अधिकारी

मृतक पटवारी के परिजनों के आधार पर भले ही तहसीलदार के विरूद्ध मामला कायम किया हो, लेकिन उनके ऊपर लगाए गए आरोप अभी दोष सिद्ध नहीं हैं इसलिए उन्हें कहीं भी पदस्थ किया जा सकता है।
 
बीपी माथुर
एसडीएम कोलारस