शिवपुरी।
 भ्रष्टाचार के दंश में फंसता शासकीय अमला अपनी हरकतों में सुधार की कोई 
गुंजाईश नहीं छोड़ रहा। क्योंकि जिले के शिवपुरी-कोलारस के बीच सेसई 
क्षेत्र में जिस प्रकार से राजस्व अमले ने अपनी रणनीति से अतिक्रमणकारियों 
को अभयदान देकर उनका पक्ष लिया उससे तो यही साबित हो रहा है कि यहां फोरलेन
 का मार्ग बदल दिया गया। इससे राजस्व को करोड़ों रूपये की हानि होगी। 
फोरलेन प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व में किए गए सर्वे व नोटिफिकेशन के अनुसार 
कराए जाने वाले कार्य में कोलारस राजस्व विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है 
जिसने रातों-रात अतिक्रमणकारियों का साथ लेकर पूर्व में किए गए सर्वे को 
कागजी तरीके से झुठला दिया और नए मार्ग में इन अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण
 करने के लिए छोड़ दिया जबकि फोरलेन निकलने के लिए अब निजी भूमि में से 
रास्ता निकाला गया है जिससे शासन को करोड़ों रूपये की राशि मुआवजे के रूप 
में बांटकर अपना ही नुकसान करना पड़ेगा। स्थानीय लोगों ने इस मामले में 
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है। 
यहां बताना होगा कि केन्द्र सरकार द्वारा करोड़ों रूपये की राशि से 
ग्वालियर-देवास फोरलेन मार्ग स्वीकृत हुआ। इस मार्ग को बनाने के लिए यहां 
पूर्व में किए गए सर्वे के तहत सब ठीकठाक था और इससे राजस्व आय में भी 
वृद्धि हो रही थी लेकिन इस पूर्व के सर्वे को वर्तमान में कोलारस राजस्व 
विभाग अमले द्वारा इसे झुठला दिया गया। यहां राजस्व अमले ने जो हेरफेर की 
उसमें अतिक्रमणकारियों के द्वारा काबिज भूमि सर्वे क्रमांक 
894/1,894/2,893,1324, 1325,1326, 1327,1328,1331,1332, 1336,1357 जिसमें 
अधिकांशत: पूरा क्षेत्र ही अतिक्रमण में बसा हुआ है यहां राजस्व अमले ने 
स्वयं की वसूली करते हुए इस अतिक्रमण क्षेत्र को कागजी तरीके से मुक्त करा 
दिया और इसके बदले में निजी भूमि सर्वे क्रमांक 
890,891,884,887,820,819,818,817,813 जिसमें माता का मंदिर भी बना हुआ है 
को राजस्व अमले ने अब हाईवे के बीच में ला दिया है। जिससे यहां इस निजी 
भूमि से फोरलेन मार्ग निकलते समय इस भूमि के बदले में अच्छी खासी करोड़ों 
रूपये की मुआवजा राशि देनी पड़ेगी।
 जिससे राजस्व आय को भी नुकसान होगा। 
वहीं दूसरी राजस्व अमला जो शासकीय सेवा में कार्यरत है ने स्वयं के निजी 
फायदे के लिए इन आंकड़ों में हेरफेर कर करोड़ों रूपये के अतिक्रमणकारियों 
को साफ-साफ बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी भले ही इसके लिए शासन के राजस्व 
विभाग को ही नुकसान क्यों ना पहुंचाया जाए। राजस्व अमले के विरूद्ध 
कार्यवाही व राजस्व आय को बचाने के लिए ग्रामीण व स्थानीय नागरिक सामने आए 
है। जिसमें देवेन्द शर्मा एडवोकेट अध्यक्ष अभिभाषक संघ कोलारस, हिम्मत 
रावत, सीताराम रावत सेसई, गजेन्द्र सिंह यादव एडवोकेट आदि सहित अन्य 
ग्रामीणों व नागरिकों ने जिला प्रशासन से इस फोरलेन मार्ग की निष्पक्ष जांच
 की मांग करते हुए संबंधित राजस्व विभाग के आर आई के विरूद्ध कार्यवाही की 
मांग की है।
 क्योंकि राजस्व आय में वृद्धि होगी तो प्रदेश ही नहीं बल्कि 
देश का विकास होगा लेकिन यहां तथाकथित राजस्व अमले द्वारा कारित कारनामों 
को देखकर ऐसा लगता है कि शासन के राजस्व को छोड़ स्वयं के राजस्व की आय 
वृद्धि की जाए। संबंधित राजस्व अमले के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो लोग 
आन्दोलन करने को बाध्य होंगे। वही अतिक्रमण हटेगा तो इससे करोड़ों रूपये की
 राशि तो बचेगी ही राजस्व आय में भी वृद्धि होगी और फोरलेन मार्ग पूर्व की 
भांति सुचारू रूप से तैयार हो सकेगा। मामले की शिकायत भू-तल परिवहन 
मंत्रालय दिल्ली व मुख्यमंत्री को भी शिकायती पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग
 करते हुए स्पष्ट जानकारी दी जाएगी। ग्राम सेसई निवासी संजय श्रीवास्तव 
द्वारा राजस्व अमले पर घूसखोरी का मामला प्रकाश में आया था। 
