शिवपुरी-जनता की सेवा कर राजनीति का माध्यम बनने वाले जनप्रतिनिधि आज स्वयं अपनी हरकतों से न केवल अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ रहे है बल्कि इस तरह के व्यवहार से वह आमजनता की भावनाओं से भी सरेआम खिलवाड़ कर रहे है। कुछ इसी तरह की घटना इन दिनों शिवपुरी में चर्चित है। जहां शिवपुरी विधायक माखन लाल राठौर ने न केवल स्वयं की बल्कि आमजनता के साथ भी धोखा किया है। बीते रोज नगर पालिका को दिए मानहानि के नोटिस तो यही हकीकत सामने आ रही है कि शिवपुरी विधायक ने अपनी औकात दिखाते हुए यह साबित कर दिया है कि वह मात्र एक लाख रूपये की औकत के है।
क्योंकि इस मानहानि नोटिस में उन्होंने साफ तौर से नगर पालिका परिषद को न केवल माफी मांगने के लिए अनुचित दबाब बनाया बल्कि ऐसा ना करने की दशा में स्वयं की मानहानि समझते हुए एक लाख रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में मांगे है। महज सम्मान को गंवाकर पैसों को तवज्जो देकर आत्म सम्मान की लड़ाई शिवपुरी विधायक बता रहे है जो कि कतई उचित नहीं है। इस घटना से उनकी बेदाग छवि पर दाग लगने शुरू हो गए है और इसके साथ ही उन्होंने पार्टी की अनुशासनहीनता को भी तोड़ा है जो कि पार्टी के ही होकर पार्टी की ही नपाध्यक्ष के खिलाफ मुखर हो गए।
शिवपुरी में राजनीति का मुखौटा कर समाजसेवा का ढिंढोरा पीटने वाले विधायक माखन लाल राठौर इन दिनों शिवपुरी में चर्चा का केन्द्र बिन्दु बने हुए है। गौरतलब है कि गत रोज ही शिवपुरी विधायक श्री राठौर ने नगर पालिका परिषद द्वारा कराए गए अटल रैन बसेरा के लोकार्पण समारोह में स्वयं के उपेक्षा की पीड़ा काफी सोच-विचार के बाद महसूस की और इसे अपना अपमान समझ सीधे नगर पालिका परिषद को मानहानि का कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इस नोटिस के बाद नगर पालिका ने भी मामले को समझते हुए अपनी सफाई दी और नपाध्यक्ष ने भी इसे महज त्रुटि मानकर विधायक से लोकार्पण समारोह के दौरान माफी भी मांगी तब तो यह मामला शांत हो गया लेकिन अचानक आए इस मानहानि के नोटिस का जबाब देने के लिए भी अब नगर पालिका तैयार है।
लेकिन यहां बताना मुनासिब होगा कि जनप्रतिनिधि के माध्यम से जनता की सेवा का दंभ भरने वाले विधायक माखन लाल राठौर ने इस मानहानि के नोटिस से स्वयं को ही अपमानित नहीं किया बल्कि आम जनता की भावनाओं से भी खिलवाड़ किया है। चुनाव जीतकर जनता की सेवा के लिए शपथ लेने वाले विधायक की इस तरह की हरकत से ऐसा प्रतीत होता है कि अब राजनीति भी सेवा का माध्यम ना बनकर स्वयं के निजी हितों को साधने का माध्यम बन गए है। फिलहाल इस नोटिस ने विधायक की औकात तो दिखाई ही दी क्योंकि उन्होनें साफ स्वच्छ अक्षरों में लिखा है कि जब अटल रैन बसेरा का लोकार्पण समारोह था तब उनका नाम ना तो आमंत्रण पत्र में प्रकाशित हुआ और ना ही उन्हें आमंत्रित किया गया। इससे क्षुब्ध होकर वह महज कार्यक्रम में इसलिए शामिल हुए थे क्योंकि ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थी और उनके आग्रह पर वह इस आयोजन में शामिल हुए।
लेकिन क्या सांसद यशोधरा राजे सिंधिया के आह्वान पर शामिल होन के बाद भी नगर पालिका को मानहानि का नोटिस देना उचित था? क्या इसे जनता की भावना के साथ खिलवाड़ ना कहा जाए? क्या विधायक ने एक लाख का नोटिस देकर अपनी औकात जनता के सामने रखी? इस तरह के ना जाने कितने ही सवाल विधायक श्री राठौर के इस नोटिस ने आमजनता के साथ-साथ भाजपा पार्टी के समक्ष खड़े कर दिए है। अब इनका जबाब तो आगामी समय में मिलेगा लेकिन जो हालात अभी उत्पन्न हुए है उससे जनता ने जरूर विधायक की औकात पहचान ली। यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रोटोकॉल का है मामला
बीते रोज हुए अटल रैन बसेरा के लेाकार्पण का मामला यूं तो प्रोटोकॉल के तहत आता है। जहां नगर पालिका परिषद के आधीन आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में स्थानीय विधायक को प्रथम तवज्जो दी जाती है। लेकिन जब रैन बसेरा के लोकार्पण समारोह में विधायक को आमंत्रित नहीं किया गया तो इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन तो माना ही साथ ही विधायक श्री राठौर ने इसे स्वयं का निजी अपमान भी माना। जबकि राज्य शासन द्वारा आदेश दिए गए है कि नगर पालिका परिषद में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में विधायक को आमंत्रित किया गया। इस प्रकार से नगर पालिका ने जो आमंत्रण पत्र प्रकाशित कराए उसमें विधायक का नाम अंकित ना होना भी प्रोटोकॉल के तहत आता है। इस तरह यदि आगे भी इसी तरह का रवैया अपनाया गया तो आए दिन यह घटनाऐं चर्चा का विषय बनती रहेंगी।
नपा ने माना त्रुटिवश हुई भूल
यूं तो विधायक ने अपने अपमान को ठेस पहुंचाने को लेकर मानहानि का नोटिस नगर पालिका को दे दिया है। लेकिन क्या इस नोटिस के बाद भी नगर पालिका अपनी भूल को सुधारने की पहल नहीं करेगी। फिलवक्त कहा जा सकता है कि इस मामले में नपाध्यक्ष का कहना है कि उन्होनें जो आमंत्रण कार्ड छपवाया था उसमें त्रुटिवश विधायक का नाम छूट गया लेकिन वह पुन: ऐसी गलती नहीं होने देंगे। इस तरह देखा जाए तो नगर पालिका भी अपनी भूल नहीं मानती केवल त्रुटि कहकर अपने कर्तव्य को पूरा कर रही है। अब जब मानहानि का नोटिस मिला है तो इसका जबाब देने के लिए भी नपा को तैयार रहना है। खैर देखते है आने वाले समय में और क्या-क्या देखने को मिलेगा।
क्या कहते है विधायक
क्या कहते है विधायक
स्थानीय कार्यक्रम में भूमिपूजन अथवा लोकार्पण के लिए विधायक को आमंत्रित किया जाता है लेकिन शिवपुरी में नगर पालिका द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया है जो सहनीय नहीं है इसलिए मैंने नगर पालिका की गलती मानते हुए मानहानि का नोटिस दिया और इसका जबाब नगर पालिका को देना होगा। नपा प्रशासन ने नियमों की अनदेखी की है इसके लिए उन्हें माफी मांगनी होगी अन्यथा न्यायालय है मुझे न्याय दिलाने के लिए।
माखन लाल राठौर
विधायक शिवपुरी
माखन लाल राठौर
विधायक शिवपुरी
हमने किसी भी प्रकार से प्रोटॉकाल का उल्लंघन नहीं किया। विधायक का नाम आमंत्रण पत्र में प्रकाशित कराया गया था लेकिन वह त्रुटिवश नहीं हो पाया। नपा द्वारा आयोजित भूमिपूजन, लोकार्पण समारोह में विधायक को हर बार तवज्जो दी जाती है यही कारण है कि हर बार शिला पट्टिकाओं पर भी विधायक माखन लाल राठौर का नाम अंकित है।
श्रीमती रिशिका अष्ठाना
अध्यक्ष
नगर पालिका परिषद शिवपुरी
श्रीमती रिशिका अष्ठाना
अध्यक्ष
नगर पालिका परिषद शिवपुरी