स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने खोला कलेक्टर के विरुद्ध मोर्चा

0
शिवपुरी. जिले के स्वास्थ्य कार्यकर्ता इन दिनों जिला कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की हठधर्मिता के चलते परेशान नजर आ रहे है। क्योंकि विभाग के अधिकारियों की मनमानी पूर्वक रवैये का दंश झेल रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आए दिन नसबंदी का लक्ष्य पूर्ण करने की हिदायतें दी ज रही है यदि ऐसा नहीं कर पाए तो कार्यकर्ताओं का वेतन रोका जा रहा है। बीते वर्ष में लगभग सैकड़ों ऐसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता है जिनका सितम्बर व नवम्बर में क्रमश: 5 व 15 दिन का वेतन रोका गया।
इस तरह वेतन रूकने से इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की माली हालत बिगड़ती जा रही है और वह भूखों मरने की कगार पर आ रहे है।इसे रोकने के लिए स्वास्थय कार्यकर्ताओं ने बीते रोज विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन भी किया और इसे रोकने के लिए एक ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की।
जानकारी देते हुए बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के अध्यक्ष मनोज भार्गव ने बताया कि बीते कुछ दिनों पूर्व ही जिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के बैनर तले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन जिला कलेक्टर एवं सीएमएचओ के हठधर्मिता पूर्ण निकाले गए आदेश के तहत किया गया। इस आदेश में जिला कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ ने सभी स्वास्थ्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए जबर्दस्ती नसबंदी का लक्ष्य पूर्ण करने का आदेश दिया और यदि ऐसा नहीं होता है तो इन्हीं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का वेतन भी रोके जाने के आदेश दिए। इस प्रकार से बीते वर्ष 2011 में सितम्बर में 5 दिन का व नवम्बर में 15 दिन का वेतन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का रोका गया। जो कि कतई बर्दाश्त योग्य नहीं है। इस तरह की हठधर्मिता से सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में विरोध के स्वर सामने आ रहे है। जबरन नसबंदी का लक्ष्य पूर्ण करने के लिए जिस प्रकार से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर दबाब बनाया जा रहा है इससे बीते सन् 1975 की वह यादें ताजा हो गई जब जबरन विवाहित व अविवाहित पुरूषों को नसबंदी के लक्ष्य के लिए नसबंदी कराई गई और अब पुन: सन.2011-12 में भी इस घटना की पुनरावृत्ति होने के आसार नजर आ रहे है। जहां गांव-गांव व शहर में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नसबंदी का लक्ष्य पूर्ण करने के सख्ती से आदेश दिए गए है। इस दबाबपूर्ण किए जाने वाले कार्य का विरोध स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने किया तो उनका मासिक वेतन रोका गया। जिससे इनकी माली हालत बिगड़ रही है और आज स्वास्थ्यकर्ता भूखों मरने की कगार पर आ गए है। ऐसे में शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं को कैसे फलीभूत किया जाए इससे विभाग के कुछ ऐसे ही अधिकारी अपनी मनमानी पर उतारू है जबकि दूसरी ओर स्वयं मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा कर्मचारियों को अपना हितैषी बताते है और हर संभव सहयोग की बात कहते है। जल्द ही स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का एक दल स्वास्थ्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्या के समाधान के लिए चर्चा करेंगे।

एक नसबंदी और 8 कर्मचारी लगे हैं पीछे 
जिले में नसबंदी के लक्ष्य को जिस जबर्दस्ती के साथ पूरा करने का आदेश स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए है। उससे निजी हित लाभ साधने की बू नजर आती है। क्योंकि एक नसबंदी को कराने के लिए 8 कर्मचारी पीछे लगे है जो अपना लक्ष्य पूर्ण करने में पूरा समय लगा देते है। फिर कैसे शासन की योजनाओं का प्रचार प्रसार हो इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है। क्योंकि एक नसबंदी को कराने के लिए इसमें पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, संविदा ए.एन.एम., आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव, स्व सहायता समूह के अध्यक्ष व ग्राम का सरपंच शामिल है। इस तरह देखा जाए तो एक नसबंदी को यदि 8 कर्मचारी पूर्ण करेंगे तो फिर अन्य कार्यों को कैसे पूर्ण किया जाएगा। इससे तो ऐसा प्रतीत होता हैकि इस नसबंदी को पूर्ण करने के लिए हर तरह का प्रलोभन दिया जाने से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!