खाकी ने किया बदनाम: छेडख़ानी करते दो पुलिस आरक्षकों को ग्रामीणों ने धुना


शिवपुरी. जो पुलिस जनसेवा करने का दंभ भरती है वह किस तरह के कार्य कर रही है जिससे आमजन का पुलिस से विश्वास उठ रहा है कुछ ऐसा ही हुआ मगरौनी क्षेत्र में खाकी वर्दी ने विभाग को न केवल बदनाम किया बल्कि उस पर दाग भी लगा दिया। मगरौनी में पदस्थ दो पुलिसकर्मी आरक्षकों ने एक युवती के साथ छेडख़ानी की घटना को अंजाम देकर स्वयं को व पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली को बदनाम करने का अनैतिक कार्य किया है। पुलिसकर्मियों के इस कृत्य से ग्रामीणों में आक्रोश फूटा और सभी ग्रामीणों ने एक राय होकर इन दोनों ही पुलिसकर्मियों को न केवल बंधक बनाया बल्कि जमकर इनके साथ मारपीट कर डाली। मारपीट में घायल पुलिस आरक्षकों को काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ा जा सका।


प्राप्त जानकारी के अनुसार नरवर क्षेत्र के मगरौनी चौकी में पदस्थ आरक्षक गोपी बघेल व परमेन्द्र रावत की हरकतें दिन प्रतिदिन मगरौनी में बढ़ती जा रही थी हद तो तब हो गई जब इन दोनों आरक्षकों ने बीते रोज मगरौनी की ही एक युवती के साथ छेडख़ानी कर दी। इस घटना की जानकारी जब युवती के परिजनों को लगी तो उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर इन देानों आरक्षकों को घेर लिया और बंधक बनाकर इनकी जमकर धुनाई कर डाली। जब मामले की जानकारी मगरौनी चौकी को लगी तो ग्रामीणों ने मगरौनी पुलिस के आह्वान पर भी आरक्षकों को नहीं छोड़ा। घटना के संदर्भ में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया जहां मौके पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और ग्रामीणों को समझा बुझाकर दोनों आरक्षकों के विरूद्ध दोषी पाए जाने पर कार्यवाही का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर आरक्षक गोपी व परमेन्द्र रावत को छोड़ा गया। इस घटना  में पुलिसकर्मियों की पिटाई को लेकर आज बाजार गर्म रहा। 

वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी है। अगर पुलिसकर्मी ऐसी घटनाओं को अंजाम देंगे तो आमजन में पुलिस की छवि न केवल बिगड़ेगी बल्कि उस पर विश्वास भी उठना तय है ओर फिर अपराधों की ऐसी झड़ी लगेगी कि उसे रोक पाना पुलिस के वश की बात नहीं। पुलिस विभाग को चाहिए कि अपने पुलिसकर्मियों को नेकी का पाठ पढ़ाए और आमजन में विश्वास जगाए अन्यथा आए दिन ऐसी वारदातों के चलते किसी दिन आमजन ही पुलिसकर्मियों के विरूद्ध आवाज करने को बाध्य होगा।