जेल मैं प्रवचन

प्रवचन सुनते कैदी
शिवपुरी-एक छोटी सी गलती और क्रोध पर संयम खोने के आरण आवेश में आकर गलत कदम उठ जाते है और उस के बाद केवल पछतावा रह जाता है लेकिन यदि समय रहते इस गुस्से पर थोड़ा सा संयम शांति को स्थापित कर लेंगे तो यह जीवन भी स्वर्ग सा बन जाएगा। लाख जतन के बाद भी व्यक्ति को बड़ी मुश्किलों और पुण्य कार्यों के चलते मानव शरीर प्राप्त होता है यदि इस मानव शरीर को बिना सद्कर्मों और सद्गुणों के व्यतीत कर दिया तो आने वाले भविष्य ही नहीं वरन हमारा संपूर्ण जीवन निरर्थक हो जाएगा इसे संवारिए, जानिए और समझाईए कि हम क्या, कब, क्यों, कैसे और किसके लिए कर रहे है यदि यह जान लिया तो वास्तव में कभी जेल के द्वार नहीं आना पड़ेगा और ना ही हम दुनिया की नजरों में सिर झुकाकर चलना होगा इसलिए आवश्यक है धैर्य और संयम।

व्यक्ति के जीवन की इस परिभाषा को अभिव्यक्त कर रहे थे उज्जैन से शिवपुरी उपजेल में पधारे श्री श्रद्धानन्द स्वामी जी जो कि म.प्र.जेल शासन के आदेश पर जिले ही नहीं बल्कि संपूर्ण प्रदेश भर की जेलों में बंद कैदियों के जीवन में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर रहे है।

जेल प्रशासन ने अब कैदियों के जीवन में सुधार के लिए अनूठा प्रयास किया है जहां एक ओर देखा गया है कि कई जगह कैदीयों के लिए धर्म, आध्यात्म, संगीत, भजन एवं विभिन्न समाचार पत्रों व पत्रिकाओं के माध्यम से जीवन में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है अब इस क्रम में जेल डीआईजी एस.के.राउत के निर्देश पर उज्जैन में धर्म प्रभावना को बढ़ा रहे श्री श्रद्धानन्द स्वामजी के आर्शीवचनों का लाभ कैदियों को दिया जाए इसके लिए संपूर्ण प्रदेश भर की जेलों में स्वामी जी के प्रवचन निरन्तर जारी है। नवम्बर माह से शुरू किए गए इस अभियान में स्वामी जी के प्रवचन आज शिवपुरी उपजेल में हुए जहां जेलर व्ही.एस.मौर्य के सानिध्य में कैदियेां को स्वामी जी के द्वारा मार्गदर्शन कराते हुए उन्हें जीवन के सुख-दु:ख और धैर्य व संयम से कार्य करने की सीख दिलाई गई। स्वामजी ने कैदियों को सर्वप्रथम अपने गुस्से पर नियंत्रण की नसीहत दी क्योंकि गुस्सा और क्रोध व्यक्ति पर यदि हावी हो जाए तो वह नैतिक कार्य को भी अनैतिक कार्य में बदल देता है इसलिए संयम से काम लेना ही सर्वाधित उचित है। स्वामी ने कैदियों को जीवन जीने के लिए अर्जुन की भांति लक्ष्य साधने के लिए आग्रेषित किया और बताया कि जिस प्रकार से अर्जुन ने मछली की आंख देखकर उस पर निशाना साधा तो वह सफल हुआ और द्रोपदी को पाया ठीक उसी प्रकार से कैदी भाई भी जेल में न आने के लिए ऐसे कार्य करे जिससे अन्य लोग प्रेरणा ले सके ऐसे कार्य करने के लिए उद्देश्य जरूरी है और निश्चित रूप से लक्ष्य बनाकर किए गए कार्य में हमेशा सफलता हाथ लगती है। उपजेल में आयेाजित प्रवचनों की श्रृंखला में जेलर श्री मौर्य ने भी कैदियों को जीवने जीने की सीख दी और बताया कि अच्छे कार्य कर घर-परिवार सुख शांति लाने का प्रयास करें तो कभी जेल का रूख नहीं करना पड़ेगा। इस अवसर पर जेल के कैदी व स्टाफ उपस्थित था।
 
संपूर्ण मप्र की जेलों में होंगे प्रवचन व भागवत कथा 
म.प्र.जेल शासन के निर्र्देशों के तहत उज्जैन से शिवपुरी उपजेल पधारे श्री श्रद्धानंद स्वामजी ने आयोजित कार्यक्रम में प्रवचनों के पश्चात जानकारी देते हुए बताया कि जेल प्रशासन कैदियों के जीवन में सुधार चाहता है इसके लिए उन्हें छ: माह के लिए संपूर्ण म.प्र. की जेलों में प्रवचन व श्रीमद् भागवत कथा के आयोजनों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसके तहत अभी तक नवम्बर से की गई शुरूआत में लगभग 20 जिलों की जेलों में पहुंचकर कैदियों को क्रोध से मुक्ति व संयम धारण करने का आह्वान किया साथ ही आगामी मार्च तक प्रदेश की बड़ी-बड़ी जेलों में श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से कैदियों के जीवन में सुधार व जेल परिसर में ऐसा माहौल निर्मित किया जाए कि कैदी स्वत: ही अपनी गलतियों को छोड़ साफ-स्वच्छ आचरण अपना लें ऐसे प्रयास किए जाऐंगे।
 
दर्जनों जेलों मे हुए प्रवचन, चार बड़ी जेलों में होगी श्रीमद् भागवत कथा 
उपजेल शिवपुरी में पधारे श्री श्रद्धानंद स्वामी ने जेल शासन के डीआईजी के आदेशों का हवाला देते हुए बताया कि अभी तक प्रदेश की लगभग 20 जेलों में कैदियों व जेल परिसर में सुधार हेतु समझाईश दी गई जिसका असर भी अधिकांशत: देखने को मिला है जहां कई जेलों में कैदी सुधरे तो कहीं जेल परिसर की व्यवस्थाओं में भी सुधार देखने को मिला है। श्रद्धानन्द स्वामी अब तक प्रदेश के खण्डवा, मुरैना, भिण्ड, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, नीमच, झाबुआ, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी सहित अन्य लगभग 20 जेलों में यह कार्यक्रम आयोजित कर चुके है साथ ही अब आगामी समय में प्रदेश की बड़ी जेलों जिसमें इन्दौर, उज्जैन, भोपाल और सागर शामिल है इन जेलों में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर कैदियों को अपराध से मुक्ति दिलाने व उनकी दशा दिशा सुधारने के प्रयास किए जाऐंगे।