उत्साह से मनाया गया ओशो जन्मोत्सव

शिवपुरी- ओशो के जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन जीने की अनूठी कला को जिया ओशो प्रेमियों ने जो स्थानीय सुखसागर रेस्टोरेंट पर ओशो का जन्मोत्सव मना रहे थे। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में चार चरणों में विभिन्न नृत्य व साधना क्रियाओं के माध्यम से ओशो मित्र मण्डल ने अपनी खुशी का इजहार किया और मगन होकर ओशो-ओशो कहते हुए ओशो जन्मोत्सव मना रहे थे।


कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए स्वामी प्रेमकृष्ण राजेन्द्र जैन ने बताया कि सुबह 7 बजे से ओशो ध्यान साधना क्रिया का आयोजन किया गया, वहीं द्वितीय चरण में ध्यान प्रक्रिया के तहत एकाग्र ध्यान किया गया, तृतीय चरण मे दोप 12 बजे से 2 बजे तक कीर्तन ध्यान शिविर आयोजित किया गया एवं सायंकाल ओशो जन्मोत्सव के दौरान ओशो मित्र मण्डल एवं नगरवासियों द्वारा नृत्य उत्सव व संध्या सत्संग में भाग लेकर हर्षोउल्लास से ओशो जन्मोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर ओशो की जीवन शैली से भी जीवन जीने के बारे में सिखाया जाएगा।

ओशो जन्मोत्सव के दौरान आयोजित कार्यक्रमों में ओशो मित्र मण्डल शिवपुरी के स्वामी प्रेमकृष्ण (राजेन्द्र जैन), स्वामी चेतन उन्मेष(गोपीकृष्ण), स्वामी निखिल आनन्द(गोपालजी), स्वामी प्रेमप्रकाश(ओशो ध्यान केन्द्र), स्वामी देशबंधु(राजकुमार बिन्दल), स्वामी ध्यान निर्दोष(रवीन्द्र), मॉं ध्यान पल्लवा(श्रीमती विरमानी), स्वामी इन्द्रजीत भारती, स्वामी सूर्यम(अवधनारायण बंसल), स्वामी आनन्द नीरज(पुष्पेन्द्र अग्रवाल), स्वामी कृष्ण आनन्द(भूपेन्द्र विकल), स्वामी कृष्णतीर्थ(जुगल किशोर चौबे) इत्यादि सहित जिले भर के ओशोप्रेमियों ने भी इन कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लिया। और सुबह से आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में देर रात्रि तक शामिल रहे। इस दौरान ओशो जन्मोत्सव के अवसर पर केक काटा गया व प्रसाद वितरण कर ओशो जन्मोत्सव की खुशियां मनाई गई साथ ही समस्त ओशो प्रेमियों ने नृत्य उत्सव एवं संध्या सत्संग के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति ओशो के सम्मुख प्रस्तुत की। इस अवसर पर ओशो नृत्य उत्सव, सत्संग, ध्यान साधना के माध्यम से जीवन जीने की कला ध्यान के माध्यम को बनाकर नृत्य उत्सव के जरिए स्वस्थ रहने की कला, ओशो के माध्यम से ओशोप्रेमियों को सिखाई गई। कार्यक्रम के दौरान अरविन्द अग्रवाल उर्फ चौहान साहब का निधन ओशो जन्मोत्सव के दौरान होने पर उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप सभी ओशो प्रेमी शमशान घाट पहुंचे और ओशों प्रेम-ध्यान-साधना शिविर के माध्यम से अपनी शोक संवेदना प्रकट की गई।