शिवपुरी में आदिम जाति कल्याण विभाग में करोड़ों का घालमेल!

राजू (ग्वाल) यादव/ शिवपुरी/ प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए चलाई जाने वाली विकास योजनाऐं शिवपुरी जिले में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। शिवपुरी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में अधिकारी जमकर सेंध लगा रहे हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रावासों एवं आश्रम शालाओं के लिए खरीदी सामग्री में जमकर घोटाला किया गया है। 

सूत्र बताते हैं कि आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ रहे अधिकारियों ने ऊंची दर पर सामग्री खरीदी करके सरकार को जमकर चूना लगाया है। शिवपुरी जिले में किए गए इस खरीदी घोटाले की बड़े स्तर पर निष्पक्ष जांच होती है तो यहां पदस्थ रहे जिला स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के काले कारनामे सामने आ सकते हैं। 

सूत्र बताते हैं कि आदिम जाति कल्याण विभाग में छात्रावास, आश्रम शालाऐं और अनुसूचित जाति जनजाति के विद्यार्थियों के लिए स्वेटर, मौजे, ड्रेस, बर्तन, पलंग एवं अन्य सामग्री में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। बीते चार साल में करोड़ों रूपये की सामग्री आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ रहे जिला संयाजकों द्वारा खरीदी गई है और इस खरीदी में अपने कुछ खास चिह्नित लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। 

सूत्र बताते हैं कि इस खरीदी में बाजार दर से दोगुनी दर पर सामग्री खरीदी गई है इतना ही नहीं दरें अधिक होने के बाबजूद घटिया सामग्री की सप्लाई संबंधित फर्म द्वारा की गई है। विभागीय अधिकारियों का संरक्षण होने के कारण इस पूरे खेल को मिलीभगत करके अंजाम दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस खरीदी में नियम प्रक्रियाओं को ताक पर रखा गया और कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए गुपचुप तरीके से खरीदी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ लोगों को स्थानीय अधिकारियों ने लाभ पहुंचाया। आदिवासी बच्चों के नाम पर खरीदी गई इस सामग्री में करोड़ों का घोटाला हुआ है। 

शिवपुरी में पदस्थ अधिकारी रहे विवादों में 


आदिम जाति कल्याण विभाग में शिवपुरी में पदस्थ रहे जिला संयोजक हमेशा से विवादों में रहे हैं। शिवपुरी में पूर्व में जिला संयोजक के पद पर आर.एस.परिहार और एल.आर.मीणा पदस्थ रहे, इन दोनों अधिकारियों की कार्यप्रणाली के कारण इनके खिलाफ कई शिकवे शिकायतें हुई और जिनकी विभागीय जांच संचालित है। सूत्र बताते हैं कि इन दोनों अधिकारियों की शिवपुरी में तैनाती के दौरान अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग से जुड़ी विकास योजनाओं में जमकर गड़बड़ी हुई है। जिसकी समय-समय पर विभिन्न जनप्रतिनिधि व जागरूक नागरिकों द्वारा शिकायतें की गई। खरीदी के अलावा छात्रावासों में नियुक्ति के मामले की भी शिकायतें हुई। छात्रावासों में नियुक्ति संबंधी एवं स्थानांतरण का मामला करैरा के विधायक रमेश खटीक ने विधानसभा में उठाया था जिसके बाद आदिम जाति कल्याण राज्यमंत्री ने विधानसभा में जांच की घोषणा के बाद विवादास्पद जिला संयोजक एल.आर.मीणा को शिवपुरी से हटा दिया था। विधायक द्वारा मामला उठाए जाने के बाद एल.आर.मीणा के खिलाफ कई जांचें प्रचलित है और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जांच कर रहे है। 

जांच की मांग उठी 


एकता परिषद के जिला संयोजक रामप्रकाश शर्मा ने आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह से मांग की है कि शिवपुरी में विभिन्न आश्रम एवं शालाओं में पढऩे वाले छात्रों के नाम पर सामग्री खरीदी में जो घोटाले को अंजाम दिया गया है उसकी वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराई जाए। जिला संयोजक रामप्रकाश शर्मा ने बताया कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और जो सामग्री खरीदी गई है उसकी गुणवत्ता भी  परखी जाए। एकता परिषद का कहना है कि शिवपुरी में आदिवासियों से जुड़ी और भी कई योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार चल रहा है। अधिकारी निरंकुश बने हुए है और मनमानी पर उतारू है। इस मनमानी के कारण आदिवासियों को शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है।