शिवपुरी। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य धैर्यवर्धन ने पार्टी की आंतरिक राजनीति और मंडल निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवपुरी मंडल में आयोजित मंडल अध्यक्ष की रायशुमारी में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया, जबकि वे पार्टी के वरिष्ठतम कार्यकर्ताओं में से एक हैं।
"हम जैसे कार्यकर्ताओं को जहर दे दो"
धैर्यवर्धन ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी में उनके जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा हो रही है। उन्होंने कहा, "35 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहा हूं। देश के विभिन्न राज्यों में प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में काम किया, लेकिन अब पार्टी में मेरी उपेक्षा की जा रही है। यह अपमान सहन नहीं हो रहा।"
जिला नेतृत्व पर लगाए तानाशाही के आरोप
भाजपा जिलाध्यक्ष और मंडल के निर्वाचन अधिकारियों पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मंडल निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है। धैर्यवर्धन ने बताया कि वे इस संबंध में पार्टी के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व को शिकायत दर्ज कराएंगे और मांग करेंगे कि निर्वाचन प्रक्रिया को निरस्त कर पारदर्शी तरीके से पुनः आयोजित किया जाए।
"समझ नहीं आता, कैसी भाजपा बनाई जा रही है"
धैर्यवर्धन ने कहा कि जो नेता पार्टी छोड़कर वापस लौटे हैं, उन्हें महिमामंडित किया जा रहा है, जबकि समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश कार्यसमिति में तेरह लोगों को सदस्य बनाया गया, जिनमें से एक का निधन हो चुका है और एक पार्टी छोड़ चुका है।
भविष्य की रणनीति पर विचार
धैर्यवर्धन ने कहा कि पार्टी में उनका उद्देश्य किसी के मार्ग में बाधा बनना नहीं है, लेकिन उनका अपमान सहन करना अब संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष अपनी बात रखेंगे और न्याय की मांग करेंगे। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के ऐसे बयान पार्टी की आंतरिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। अब देखना यह होगा कि पार्टी नेतृत्व इन आरोपों पर क्या कदम उठाता है।