शिवपुरी। ग्वालियर-गुना ट्रैक पर इलेक्ट्रीफिकेशन का काम चल रहा है। पहले चरण में गुना से बदरवास तक 25% इलेक्ट्रीफिकेशन काम काम पूरा हो चुका है। डीआरएम भोपाल व सीआरएस सोमवार को ट्रायल लेने बदरवास पहुंचे। बदरवास स्टेशन से कुछ आगे तक स्पेशल ट्रेन से आए अधिकारियों ने इलेक्ट्रिक इंजन से 25 केवी इलेक्ट्रिक लाइन का ट्रायल लिया। सुरक्षा व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए यह ट्रायल लिया गया है।
जानकारी के अनुसार डीआरएम शोभन चौधुरी और सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) एके जैन विशेष ट्रेन से बदरवास पहुंचे। गुना से लेकर बदरवास तक इलेक्ट्रीफिकेशन का काम पूरा होने पर ट्रायल लिया।
डीआरएम चौधुरी ने बताया कि अब बदरवास से शिवपुरी की ओर इलेक्ट्रीफिकेशन का काम तेजी से चल रहा है। इसके पूरा होते ही 50% तक इलेक्ट्रीफिकेशन काम हो जाएगा। इसके बाद शिवपुरी से ग्वालियर के बीच इलेक्ट्रीफिकेशन का काम चालू होगा।
अधिकारियों ने बताया कि गुना-ग्वालियर खंड (रेलवे ट्रेक) पर जब तक इलेक्ट्रीफिकेशन का काम पूरा नहीं होगा, तब तक डीजल इंजन चलेगा। बदरवास सेक्शन से आगे काम हो जाने के बाद निरीक्षण करने फिर से टीम आएगी। बता दें कि शिवपुरी से होकर 24 घंटे में करीब 20 गाड़ियां गुजरती हैं। इस पर चर्चा करते हुए सीआरएस ने बताया है कि अगले तीन महीने में शिवपुरी तक और दिसंबर तक ग्वालियर तक इलेक्ट्रीफिकेशन हो जाएगा।
पैसे और समय की होगी बचत
डीआरएम चौधुरी ने बताया कि अभी ग्वालियर-गुना के बीच डीजल इंजन गुना या आगे मक्सी पर बदलना पड़ते हैं। वहीं ग्वालियर से इंजन जोड़ना पड़ते हैं। इसमें काफी समय बर्बाद हो जाता है। गाड़ी से इंजन काटने व जोड़ने में 15-20 मिनट लगते हैं। स्पीड में 5-7 मिनट लगते हैं। इलेक्ट्रीफिकेशन का काम पूरा होने से बिजली के इंजन दौड़ना शुरू हो जाएंगे। इससे समय और धन दोनों की बचत होगी। बता दें कि इस ट्रेक पर हर गाड़ी का डीजल इंजन बदलने के साथ स्टाफ भी चेंज होता है।
गुना-ग्वालियर के बीच दिसंबर तक काम होगा पूरा
गुना-ग्वालियर के बीच 227 किमी में इलेक्ट्रीफिकेशन के लिए 130 करोड़ रुपए साल 2014 में मंजूर किए हैं। हालांकि डीआरएम ने प्रोजेक्ट की लागत नहीं बताई, काम के आधार पर लागत कम-ज्यादा भी हो सकती है। डीआरएम ने कहा कि शिवपुरी तक तीन महीने और ग्वालियर तक दिसंबर 2019 तक काम पूरा हो जाने की उम्मीद है। यानी अगले साल 2020 में ग्वालियर-गुना के बीच डीजल इंजन बंद हो जाएंगे और इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ेंगे ।
एक्सप्रेस ट्रेन के स्टॉपेज व प्लेटफार्म निर्माण की मांग: डीआरएम के बदरवास आने पर स्थानीय लोगों ने दो आवेदन दिए। पहला आवेदन अमृतसर, चंड़ीगढ़, देहरादून एक्सप्रेस आदि ट्रेनों का स्टॉपेज बदरवास में करने की मांग की। जबकि म्याना ग्राम पंचायत है, फिर भी एक्सप्रेस ट्रेन वहां रोकी जा रहीं हैं। जबकि बदरवास नगर है, राजस्व में इजाफा होगा। वहीं भोपाल इंटरसिटी का समय बदलने की मांग लोगाें ने रखी।
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