बदरवास। खबर जिले के बदरवास जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम शुमैला के किसानों ने आरोप लगाया है कि पटवारी द्वारा किसानों की जमीन के खसरा खतौनी में उल्टे सीधे नाम फिट कर दिए हैं जिससे हमारा पंजीयन नहीं हो पा रहा है जब भी हम कम्प्यूटर के माध्यम से निकलवाने जाते हैं तो राम की जगह श्याम निकलता है।
इस कारण किसानों के पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं। मुआवजा के नाम पर भी पिछले साल पटवारियों ने सो 100 लेकर सर्वे किया था लेकिन मुआवजा आज तक नहीं मिल पाया। जिससे किसानों को अपने मुआवजे की राशि के लिए कहीं तो तहसील के चक्कर लगाना पड़ रहे हैं या फिर पटवारियों लेकिन उनकी कोई भी सुनने वाला नहीं हैं।
घर बैठकर किया फसलों का सर्वे
बदरवास क्षेत्र के पटवारियों द्वारा घर बैठकर किसानों की फसलों का सर्वे कर दिया गया है जबकि किसान फसल का पंजीयन कराने जाता है तू गेहूं की जगह चने की फसल निकल रही है जिसके सामने गेहूं की फसल की है उसके चने की फसल दर्शाइए इसी तरह बदरवास चित्र का किसान पटवारियों के चक्कर लगाकर परेशान है और फसल का पंजीयन कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इन किसानों ने आरोप लगाया है उनमें शिवपाल सिंह यादव दशरथ सिंह यादव जयपाल सिंह यादव पंचम सिंह यादव अरविंद शर्मा जगन्नाथ सिंह यादव कमल लाल कुशवाहा राजीव दुबे शामिल है।
मुख्यालय पर नहीं रहते पटवारी, फौती नामांतरण एवं बंटवारे के नाम पर वसूलते हैं मोटी रकम
बदरवास तहसील के पटवारी अधिकतर शिवपुरी से अप डाउन करते हैं किसान चक्कर काटते हुए फिरते रहते हैं बदरवास जनपद से नवीन तहसील की दूरी 2 किलोमीटर होने के कारण किसान इधर से उधर भटकता रहता है पटवारियों के मोबाइल नंबर बंद रहते हैं फौती नामांतरण का समय 3 माह तक का रहता है लेकिन पटवारियों के द्वारा 3 साल तक भी नहीं कर पाते हैं केसीसी के कागज बनवाने हो तो पहले पैसे चाहिए पैसे लेकर भी समय पर केसीसी के कागज नहीं तैयार किए जाते हरी राम जाटव ग्राम एजवारा ने बताया कि मैंने एक साल पहले पटवारी को केसीसी बनवाने के लिये दो हजार रु दिये थे लेकिन आजतक मेरे कागज नही बनाए
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