शिवपुरी। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम ने एक निर्णय में स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया को आदेशित किया है कि वह उपभोक्ता निकिता गोयल पुत्री आनंद गोयल निवासी धर्मशाला रोड़ शिवपुरी को 30 हजार रूपए एक महीने के अंदर उसके खाते में जमा कराए। इसके साथ ही उपभोक्ता को बैंक 12 दिसम्बर 2015 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अदा करे। आवेदिका को शारीरिक और मानसिक पीड़ा के लिए 2 हजार रूपए और दावा खर्च 1500 हजार रूपए भी अदा करे।
उपभोक्ता फोरम में उपभोक्ता निकिता गोयल ने अपने अभिभाषक के माध्यम से शिकायत की कि 12 दिसम्बर 2015 को उसने एजी ऑफिस ग्वालियर के एटीएम से दोपहर 12:20 से 12:30 बजे तक 15 हजार रूपए आहरण के लिए प्रक्रिया शुरू की, लेकिन ट्रांजेक्शन पूरा नहीं हुआ और एटीएम से कोई राशि नहीं निकली। परंतु इसके बाद उसने 12:30 बजे उसी एटीएम से 15 हजार रूपए निकालने की प्रक्रिया की, परंतु फिर भी राशि नहीं निकली और शाम को जब उसने बैलेंस चैक किया तो पता चला कि उसके खाते से 30 हजार रूपए एकमुश्त आहरित हो गए हैं।
इस संबंध में उपभोक्ता ने झांसी रोड़ थाने में आवेदन दिया और लिखित शिकायत बैंक में भी की, परंतु बैंक ने कोई कार्यवाही नहीं की। बैंक ने सीसीटीवी फुटेज दिखाने से भी इंकार कर दिया। इस पर उसने 27 फरवरी 2016 को बैंक को नोटिस दिया। बैंक ने जवाब में तथ्यों को अस्वीकार किया और जांच का हवाला देते हुए ट्रांजेक्शन को सक्सेजफुल बताया। आवेदिका ने समय रहते आवेदन देकर एटीएम कक्ष के फुटेज मांगे थे, लेकिन बैंक ने उसे फुटेज उपलब्घ नहीं कराए।
एसबीआई के मुख्य शाखा ग्वालयर को पक्षकार बनाने की कहकर शिवपुरी फोरम में परिवाद निरस्ती का आवेदन एसबीआई शिवपुरी ने किया। लेकिन आवेदिका का खाता शिवपुरी में होने पर उपभोक्ता फोरम ने उसके आवेदन को निरस्त कर दिया और बैंक को उपभोक्ता को 30 हजार रूपए ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया।
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