5 साल तक का कोई भी बच्चा पोलियों की दवा से नही रहना चाहिए बंचित: कलेक्टर अनुग्रहा पी | Shivpuri News

शिवपुरी। सघन पल्स पोलियों अभियान के तहत 7 अप्रैल 2019 रविवार को शिवपुरी जिले में जन्म से लेकर 5 वर्ष तक के लगभग 2 लाख 87 हजार बच्चों को पोलियों की खुराक पिलाई जाएगी। इसके लिए 1957 अनुमानित बुथ स्थापित किए गए है। उक्त आशय की जानकारी कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने 7 मार्च को आयोजित होने वाली सघन पल्स पोलियों अभियान की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में आयोजित बैठक में दी। 

जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में सोमवार को आयोजित बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एच.पी.वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.ए.एल.शर्मा, डब्ल्यूएचओ के महेन्द्र पाटिल सहित जिले के अनुविभागीय दण्डाधिकारी, महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। 
कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सघन पल्स पोलिया अभियान बच्चों की जिंदगी से जुड़ा हुआ अभियान है। 7 अप्रैल 2019 रविवार को हमें ऐसे प्रयास करने है कि सघन पल्स पोलियो अभियान के तहत जन्म से लेकर 5 वर्ष तक का कोई भी बच्चा पोलियों की खुराक पीने से वंचित न रहे। इसके लिए उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं महिला एवं बाल विकास के कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि आशा कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर बच्चों को पोलियों की खुराक पिलाने हेतु टीकाकरण केन्द्र तक लाने मे सहयोग करें।

उन्होंने कहा कि हमें ऐसे प्रयास करने है कि जिले का कोई भी ऐसा बच्चा जिसकी आयु 5 वर्ष तक है, वह पोलियों की खुराक पीने से वंचित न रहे। इसके लिए में रणनीति के तहत बच्चों के अभिभावकों, परिजनों को पे्ररित कर पोलियों की दवा पिलाने हेतु टीकाकरण केन्द्र तक लाए। इस दौरान जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.संजय ऋषिश्वर ने बताया कि जिले में 7 अप्रैल 2019 को सघन पल्स पोलियो अभियान के तहत 2 लाख 87 हजार से अधिक बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। 

उन्होंने बताया कि 11 मार्च 2018 को आयोजित पल्स पोलियो अभियान के तहत 2 लाख 87 हजार 89 बच्चों को दवा पिलाई गई थी। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान 3 हजार 914 कर्मचारियों की सेवाए ली जाएगी। अभियान के क्रियान्वयन हेतु 232 सुपरवाइजर बनाए गए है। जबकि 56 ट्रांजिट टीमें और 40 मोबाइल टीमों के माध्यम से बच्चो को दवाई पिलाने की व्यवस्था की गई है।