करैरा अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों का टोटा,प्रदेश से बाहर जाते है मरीज | karera, Shivpuri News

0
करैरा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करैरा, जिस पर जनपद क्षेत्र के करीब 150 गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने की जिम्मेदारी है वह काफी समय से बीमार है। शासन-प्रशासन ने इसे ठीक करने के लिए लंबे समय बाद भी कोई कदम नहीं उठाया है, जिसके चलते क्षेत्र के ग्रामीणों का मर्ज बिगड़ता ही जा रहा है। खासकर महिलाओं व बच्चों का। क्योंकि आमतौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते मौसमी बामारियों व अन्य रोगों का शिकार बच्चे व महिलाएं ही होती हैं।  

यहां जानना जरूरी होगा कि करैरा सीएससी पर कुल आठ पद हैं जिनमें से सिर्फ 4 पद ही भरे हैं। जहां तक विशेषज्ञ डॉक्टर का सवाल है तो स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व शिशु रोग विशेषज्ञ का पद यहां बीते काफी समय से खाली है। यहां जो दो डॉक्टर हैं उनमें एक बीएमओ हैं जो अधिकांशतः सरकारी मीटिंगों व अन्य शासकीय कार्यों में ही व्यस्त रहते हैं। 

ऐसे में एक और डॉक्टर हैं जिनकी कागजों में तो ड्यूटी करैरा के अलावा क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अलग अलग दिन लगा दी गई है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यह डॉक्टर कहीं भी अपनी सेवाएं ठीक ढंग से नहीं दे पा रहे हैं।

करैरा अस्पताल पर स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में महिला डॉक्टर का होना बेहद जरुरी है। क्योंकि सामान्यता महिलाएं अपनी हर बीमारी के बारे खुलकर पुरुष डॉक्टर को नहीं बताती हैं। जिसके कारण सही समय पर इलाज न होने से उनका मर्ज बिगड़ जाता है और आगे चलकर उन्हें ऑपरेशन जैसी स्थिति से भी गुजरना पड़ जाता है। 

इसी तरह बच्चों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर होना जरूरी है क्योंकि कई बार जनरल फिजिशियन बच्चों की बीमारी को ठीक ढंग से नहीं पकड़ पाता और सामान्य बुखार आगे चलकर मलेरिया, टाइफाइड बन जाता है।गर्भवती महिलाओं को समय समय पर जरूरी जांच करवाना होती हैं लेकिन वे महिला डॉक्टर न होने के चलते यह जांचें नहीं करवा पाती हैं जिससे आगे चलकर परेशानी का सामना करना पड़ता है।

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!