शिवपुरी। जिला उपभोक्ता फोरम शिवपुरी ने अपने एक अहम फैसले में बीमा कंपनी आईसीआईसी लाईफ इंशोंरेंस कंपनी के विरूद्ध 8 लाख रूपए एवं 6 प्रतिशत ब्याज अदायगी दिनांग तक शिकायत कर्ता मो. आजाद को दो माह के अंदर दिलाए जाने का आदेश पारित किया तथा प्रकरण व्यय एवं मानसिक क्षति के रूप में 6500 रूपए भी बीमा कंपनी से शिकायत कर्ता को दिलाए। उक्त प्रकरण की पैरवी अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव द्वारा की गई।
शिकायत के अनुसार शिकायत कर्ता मो. आजाद ने एक शिकायत उपभोक्ता फोरम में इस आशय की प्रस्तुत की कि उसके पिता ने अपने जीवन काल में आईसीआईसी कंपनी की दो पॅालिसियां 49999-49999 प्रथक-प्रथक जमा कर 2012 में 15 वर्षो के लिए प्राप्त की थी। पॉलिसी के अनुसार पॉलिसी धारक की मृत्यु होने पर नॉमिनी को प्रत्येक पॉलिसी के 4-4 लाख रूपए प्राप्त होने थे, बीमा पॉलिसी ने के 6 माह के अंदर ही पॉलिसी धारक बाबू भाई की मृत्यु हो गई।
तब नॉमिनी पुत्र मो. आजाद द्वारा समस्त दस्तावेज बीमा कंपनी को बीमा धन प्राप्ति हेतु भेजे गए। किन्तु बीमा कंपनी ने यह दर्शित करते हुए बीमा धन देने से इन्कार कर दिया कि बीमा धारक स्व. बाबू ने अपनी मृत्यु के पूर्व अपने बीमारी के तथ्यों को छुपाया हैं इस कारण बीमा धारक के द्वारा जमा की गई रकम एवं बीमा धन नॉमिनी प्राप्त नहीं कर सकता। अत: शिकायत कर्ता को बीमा धन दिलाया जावे।
विरोध पक्ष बीमा कंपनी ने उपभोक्ता फोरम के समक्ष जवाब प्रस्तुत किया कि बीमा धारक का बीमा शून्य माना जाकर शिकायत कर्ता की शिकायत निरस्त की जाए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष गौरीशंकर दुबे एवं सदस्य राजीव कृष्ण शर्मा ने वह पक्षों के दस्तावेजों का अवलोकन किया।
अवलोकन करने एवं तरकों को सुनने के पश्चात शिकायत कर्ता के अभिभाषक के तर्कों से सहमत होते हुए आदेश पारित किया कि बीमा कंपनी दो माह के अंदर पॉलिसियों की कुल राशि 8 लाख रूपए एवं उक्त राशि पर वर्ष 2012 से 6 प्रतिशत वार्षिक व्याज राशि अदायगी दिनांक तक करेगा साथ ही शिकायत कर्ता को मानसिक कष्ट एवं प्रकरण बय के रूप में 6500 रूपए भी अदा किए जाने के आदेश पारित किया।
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