शिवपुरी। किसानो के साथ सरकारो का मजाक जारी हैं। किसानो की फसलो को प्राकृतिक आपदा से लडने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अस्तिव में आई। बीमा करते समय किसानो को पूरे सपने दिखाए गए कि अगर फसला को प्राकृतिक आपदा या और किसी बजह से नुकसान होता है तो उसकी भरपाई बीमा कंपनी करेगी।
बताया जा रहा है सन 2017 में जिले में अल्पवृष्टि की वजह से से खरीफ की फसलो का उत्पादन बहुत कम हुआ था। अब प्रधानमंत्री बीमा योजना का प्रिमियम डेढ साल बाद बांटा जा रहा है। किसनो के खातो में प्रिमियम के रूप में चंद रूपए आ रहे है।
331 रुपए मिले
बैराड़ निवासी किसान तेजसिंह पुत्र दौलत सिंह ने 2017 में दो हेक्टर में सोयाबीन का फसल बीमा प्रीमियम जमा कराया था। हाल ही में बीमा क्लेम राशि मात्र 331 रुपए ही जारी की गई है। किसान तेजसिंह का कहना है कि बरसात बहुत ही कम हुई थी। जिससे 50 फीसदी से ज्यादा नुकसान हो गया था। सोचा था फसल का बीमा है तो क्लेम 20 से 30 हजार रुपए तक मिल जाएगा। रकम बहुत ही कम है। हमारे साथ छलावा हो रहा है।
बागौदा गांव के किसान अमरलाल रावत ने साल 2017 में खरीफ फसल में अऋणी के रूप में 1.4 हेक्टर का प्रीमियम बैंक के माध्यम से बीमा कंपनी को जमा कराया था। किसान ने बताया कि एक बीघा में सोयाबीन बमुश्किल 1 क्विंटल पैदावार हुई। जबकि 4 से 5 क्विंटल उत्पादन होता है। यानी 70% तक नुकसान हुआ है। बीमा क्लेम 18 से 20 हजार रुपए मिलना था। लेकिन बीमा कंपनी ने महज 232 रुपए दिए हैं।
शासन आकलन करता है
शासन स्तर से फसल उत्पादन व नुकसान का आंकलन होता है। हमारे हाथ में कुछ नहीं है। शासन से जारी रिपोर्ट के आधार पर बीमा कंपनी ने अऋणी किसानों को निर्धारित क्लेम राशि जारी की है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
आरएस शाक्यवार, उप संचालक, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग
हमने तो शासन की रिपोर्ट के आधार पर क्लैम दिया
शासन स्तर से फसल नुकसान की रिपोर्ट के आधार पर अऋणी किसानों को क्लेम राशि जारी की है। बीमा योजना की नियम शर्तों को किसान समझ नहीं पाते। जो क्लेम निर्धारित है, उसी आधार पर किसानों को जारी किया जा रहा है। एक हेक्टर में 24 हजार क्लेम निर्धारित है। नुकसान कम है तो उतनी ही राशि मिलेगी।
सुनील सिहारे, जिला समन्वयक, एचडीएफसी इंश्योरेंस कंपनी
Social Plugin