शिवुपरी। शासकीय स्कूल डुमघुना में घुसकर ITBP के एसआई शक्ति सिंह द्धवारा चार मासूम छात्राओ के साथ किए बलात्कार के मामले में शिक्षा विभाग से लेकर पुलिस ने छुपाने का प्रयास किया, क्योकि शासकीय स्कूल में पढने वाली छात्राओ के साथ यादि बेरोकटोक ऐसी हरकत हुई हैं, तो उसमे स्कूल प्रबंधन भी उतना ही दोषी है। साथ ही पुलिस ने पीडिता के पिता को यह कहकर कि शिकायत कमांडेंट से करेंगें, सुनवाई में देरी की हैं। जबकि पॉक्सो एक्ट में मामला दबाने या छुपाने वाले जिम्मेदारो को भी सहआरोपी मना जाता हैं।
बाल सरंक्षण अधिकारी एंव पॉक्सो के नोडल अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने मिडिया से चर्चा करते हुए बताया कि बाल यौन योषण निरोधक कानून पॉक्सो में बालक और बालिकाओ की सुरक्षा के लिए कठोरतम प्रावधान किए गए हैं। कानूम में कोमल बचपन की हिफाजत के लिए जिम्मेदारी के प्रति सतर्क रहने की व्यवस्था की गई हैं।
कानून की धारा 21 में प्रावधान है कि जिस संस्था में अपराध हुआ हैं,उस संस्था के भारसाधक व्यक्ति को यादि अपराध की जानकारी हैं और उसके द्धारा उसे छुपाया जाता है तो उसे एक वर्ष की सजा तथा अर्थदंड से दंडित किया जाएगा। इस धारा में रिर्पोट अभिलिखित करने में विफल रहने पर थाना के भारसाधक अधिकारी को भी 6 माह तक की सजा का प्रावधान किया गया हैं। करैरा वाले इस मामले में 8 दिन का विंलब निश्चित ही प्रबंधन की लापरवाही दर्शाती हैं।
बाल संरक्षण अधिकाराी शर्मा ने कहा कि वर्तमान में लडकियां ही नही लडके भी असुराक्षित है। यदि लडको के साथ ही कोई इस प्रकार की हरकत करता है तो उसे भी कानून में देाषी माना गया हैं।
उन्होने लडको को भी इस प्रकार की घटनाओं का विरोध करने एंव अपने माता-पिता यहा भरोसेमंद व्यक्ति को बताने का सुझाव दिया। उन्होने बताया कि बच्चे इस प्रकार की घटनाओं के संबंध में चाईल्ड लाइन नंबर 1098 पर या गूगल पर पोक्सो ई बॉक्स में जाकर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
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