शिवपुरी। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने अग्रणी बैंक प्रबंधक एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के तहत लाभांवित होने वाले कृषकों की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में तुरंत संबंधित कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें।
जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित मुख्यमंत्री फसल ऋण बीमा योजना के संबंध में बैंकर्स की बैठक में नाबार्ड के सहायक प्रबंधक ए.राजा अय्यर सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने कहा कि मुख्यमंत्री फसल ऋण योजना के तहत पात्र किसानों को निर्धारित समय-सीमा में लाभ दिए जाने हेतु सभी बैंकर्स टीम बनाकर कार्य करना सुनिश्चित करें। इस योजना का महत्वपूर्ण बिन्दु आधार सीडिंग है। ऐसे किसान जिनके नाम गैर-आधारकार्ड सीडेड सूची (सफेद सूची) में हैं, उनके लिए पंचायतवार केम्पों का आयोजन कर आधारकार्ड सीडिंग की कार्यवाही की जाएगी। इस कार्य के लिए बैंकर्स को नोडल अधिकारी का दायित्व दिया जाएगा तथा बैंक शाखाओं में भी आधारकार्ड सीडिंग की व्यवस्था की जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि फसल ऋण योजना के अंतर्गत वर्तमान एवं भूतपूर्व पदाधिकारी जिनमें सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका, नगर पंचायत के अध्यक्ष, कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष, सहकारी बैंको के अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गठित निगम, मण्डल अथवा बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष इस योजना के लिए पात्र नहीं होगें।
इसके साथ ही समस्त आयकरदाता, भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के समस्त शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी तथा इनके निगम, मण्डल, अर्धशासकीय संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी (चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को छोड़कर), 15 हजार प्रतिमाह या उससे अधिक पेंशन प्राप्तकर्ता (भूतपूर्व सैनिकों को छोड़कर), जीएसटी में 12 दिसम्बर 2018 या उससे पूर्व पंजीकृत व्यक्ति, फर्म, फर्म के संचालक, फर्म के भागीदार फसल ऋण योजना के लिए अपात्र होंगे।
कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के तहत प्रदेश के किसानों की फसल ऋण से मुक्ति हेतु 2 लाख रूपए तक का फसल ऋण माफ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंक से लिया गया फसल ऋण माफ किया जाएगा। जिसमें ऐसा अल्पकालीन फसल ऋण जो एक अप्रैल 2007 को अथवा उसके बाद किसी ऋण प्रदाता संस्था से लिया गया हो तथा ऐसा फसल ऋण जो 31 मार्च 2018 की स्थिति में घोषित ऋण 12 दिसम्बर 2018 तक पूर्णतः अथवा आंशिक रूप से चुका दिया हो, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए किसानों के लोन लेने वाले बैंक खाते की आधार सीडिंग होना जरूरी है।
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