मंगलम में संचालित कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र में पत्रकारों ने दिए छात्रों को कैरियर के टिप्स | Shivpuri News

शिवपुरी। ईश्वर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि उस परम सत्ता ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया। मनुष्य के रूप में उसकी कृति अद्वितीय है और प्रत्येक व्यक्ति को कुछ न कुछ विशिष्टता और विशेषताओं से नवाजा है। हमें सिर्फ चाहिए कि अपने गुणों को पहचाने और जीवन में आगे बढ़़कर प्रगति के रास्ते पर अग्रसर हों। 

उक्त उदगार देश के जाने माने पत्रकार राजेश बादल ने समाजसेवी संस्था मंगलम द्वारा संचालित कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने छात्र और छात्राओं से संवाद किया तथा उनकी एक-एक जिज्ञासा का समाधान भी किया। इस अवसर पर श्री बादल ने समाजसेवा के क्षेत्र में मंगलम द्वारा किए गए कार्यो की भरपूर सराहना की और विद्यार्थियों से कहा कि वह भी एक-एक मंगलम बनकर दीनदुखियों और पीडि़तों की सेवा में अपने जीवन को समर्पित करें। 

मंगलम में आयोजित कार्यक्रम में आज तक और राज्यसभा टीवी से लम्बे समय तक जुडे रहे और इन दिनों मेरी कहानी नामक फिल्म बना रहे राजेश बादल ने विद्यार्थियों के बीच अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि अमिताभ बच्चन, आमिर खान या जिसे भी आप अपना रोल मॉडल मानते हैं। उनका अनुकरण करने के स्थान पर आप अपने भीतर की विशेषताओं को देखें और पहचानें। इसके बाद अपने गुणों को पहचान कर उन्हें संवारे। जरूरी नहीं कि बड़े से बड़े काम करने पर ही आपको पहचान और नाम मिलें। 

लेकिन यदि कोई छोटा काम भी पूर्ण प्रवीणता और कुशलता के साथ आप करने में पारंगत हो जाएं तो उसमें भी आप हिमालय की ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं। अपना उदाहरण देते हुए श्री बादल ने बताया कि मैं छतरपुर का रहने वाला हूं और इतिहास का प्राध्यापक था। लेकिन मुझे लगता था कि कहीं न कहीं कुछ न कुछ मिसिंग हो रही है। मुझमे सम्प्रेक्षण की अदभूत क्षमता है और उसे जानकर मैने पत्रकारिता के क्षेत्र में जाने का निर्णय लिया। श्री बादल ने कहा कि जब हमनें कैरियर प्रारंभ किया था तब कम्प्यूटर को कोई जानता नहीं था। 

आज तो आप बहुत सौभाग्यशाली हैं कि मंगलम के सहयोग से निशुल्क कम्प्यूटर का बुनियादी ज्ञान आपको सीखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर और मंगलम का इतिहास लगभग एक समान पुराना है। 1981 मेें मंगलम की स्थापना हुई और लगभग इसी समय कम्प्यूटर देश में आया। लेकिन उन्होंने जोड़ा कि आपके दिमाग में कम्प्यूटर से 1 हजार गुणा ज्यादा ताकत है। इसका ठीक से इस्तेमाल कर आप विकास और उन्नति के पथ पर अग्रसर हो सकते हैं। इसके बाद विद्यार्थियों ने उनके समक्ष अपनी जिज्ञासाएं रखी। जिनका बड़ी कुशलता से पत्रकार राजेश बादल ने समाधान किया।

प्रारंभ में मंगलम के सचिव राजेंद्र मजैजी ने राजेश बादल के सम्मान में स्वागत भाषण दिया। वहीं कार्यक्रम का संचालन कर रहे बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अजय खैमरिया ने श्री बादल के व्यक्तित्व पर बारीकी से प्रकाश डाला और कहा कि जब श्री बादल आज तक मेें थे तो आज तक को पहचान उन्हीं के कारण मिली थी। श्री खैमरिया ने उन्हें वास्तविक पत्रकार की संज्ञा दी। कार्यक्रम में मंगलम के उपाध्यक्ष अशोक कोचेटा, वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद भार्गव, मंगलम में अपनी सामाजिक सेवाएं दे रहे भरत अग्रवाल, पत्रकार रंजीत गुप्ता, अरूण प्रताप सिंह चौहान आदि ने अतिथि राजेश बादल का माल्यापर्ण द्वारा स्वागत किया। वहीं कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र की एक छात्रा ने बहुत ही खूबसूरती से श्री बादल का आभार व्यक्त किया और इस तरह से उक्त छात्रा ने सम्प्रेक्षण के क्षेत्र में अपनी योग्यता को साबित किया। 

अपने गांव के बच्चों के लिए खोलना चाहता हूं स्कूल 
इस अवसर पर मंगलम प्रशिक्षण केन्द्र के विद्यार्थियों ने जहां वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल से जीवन में आगे बढऩे की टिप्स ग्रहण की। वहीं अपने मन की भावनाएं भी स्पष्ट की। एक विद्यार्थी ने कहा कि मेरे गांव में स्कूल नहंीं  हैं और बहुत से गरीब बच्चे अर्थाभाव के कारण शिक्षा से वंचित हो जाते हैं क्योंकि उनके माता पिता के पास इतना धन नहीं है कि वह उन्हें शहर भेज सके। इसलिए मैं अपने गांव में ऐसे बच्चों के लिए एक स्कूल खोलना चाहता हूं। इस पर श्री बादल ने उक्त विद्यार्थी की सराहना करते हुए कहा कि आज के भौतिकबादी युग में इस तरह की सोच अनुकरणीय है। 

हमें अपने अलावा अन्य लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए। ताकि कोई अपने हक से वंचित न हो। एक बालिका ने जिज्ञासा प्रकट की कि मैं पुलिस अधिकारी बनना चाहती हूं। जिस पर श्री बादल ने उनसे पूछा कि उन्हें इसकी प्रेरणा कहां से मिली तो उक्त बालिका ने एक सीरियल का जिक्र किया। इसके जबाव में श्री बादल ने कहा कि आप सीरियलों से अपना भविष्य नहीं बल्कि अपने गुणों को पहचान कर अपना भविष्य बनाएं। एक बालिका ने पत्रकार बनने के लिए श्री बादल से मार्गदर्शन मांगा।