सन 2019 शहर के लिए है खास, उम्मीद है कि लौटेंगा पुराना गौरव | SHIVPURI NEWS

0
शिवपुरी। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। 15 साल से प्रदेश की कमान संभाल रही भाजपा अब विपक्ष में है तथा कांग्रेस के हाथों में सत्ता के सूत्र हैं। लेकिन जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट शिवपुरी में भाजपा की यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव जीती हैं। पिछले 15 साल मेें विधायक और मुख्यमंत्री एक ही दल भाजपा का होने के बावजूद विकास उस गति से नहीं हो पाया था। इस बार तो विधायक और प्रदेश की सत्ता अलग-अलग दलों के पास है। 

ऐसे में सवाल है कि क्या वर्ष 2019 मेें शिवपुरी का पुराना गौरव लौटेगा, इसका ठीक-ठीक जबाव तो अभी अनुतरित है। लेकिन यदि शिवपुरी के विकास की योजनाएं पूर्ण हो गई थी तो यह निश्चित है कि शिवपुरी एक नए रूप में दिखेगा और वहीं पुरानी शिवपुरी फिर लौटेगी, जिसे देखकर कभी गौरव और गर्व का एहसास होता था। 

पिछले 10-15 सालोंं में शिवपुरी की सुंदरता का अधोपतन हुआ है। एक जमाने में शिवपुरी में चौड़ी-चौडी सडक़े, सुंदर पर्यावरण, माधव चौक की खूबसूरती, पर्यटन स्थलों की रौनक, हर समय पानी की सुलभता देखने लायक होती थी। शिवपुरी की सफाई भी अन्य शहरो के लिए प्रेरणास्पद रहती थी। सुबह-शाम दोनों समय भिस्तियों द्वारा मश्कों नालियों में पानी छिडक़ा जाता था। गर्मी के सीजन मेें घरों में डीडीटी का छिडकाव होता था। 


गर्मियों में नगर पालिका और समाजसेवियों द्वारा जहां अनेक स्थानों पर शीतल और सुगंधित पेयजल की प्याऊ लगाई जाती थी। वहीं सर्दियों में प्रमुख स्थानों पर अलाव जलाए जाते थे। जिससे सर्दी से लोग राहत महसूस कर सकें। लेकिन शने: शने: शायद  राजनैतिक प्रतिशोध से शिवपुरी की सुंदरता को ग्रहण लगना शुरू हुआ। ऐसा नहीं कि विकास के लिए कोई धन आबंटित नहीं हुआ। लेकिन पैसे का सदुपयोग के स्थान पर दुरूपयोग अधिक हुआ। 

2007 में उपचुनाव के बाद सिंध जलावर्धन योजना मंजूर हुई क्यों कि शिवपुरी में सबसे बड़ी और प्रमुख समस्या सिर्फ और सिर्फ पानी की थी। सिंधिया स्टेट के जमाने में सैकड़ों तालाब बने हुए थे। लेकिन समय के साथ-साथ तालाबों के स्थान पर कॉलोनियों काट दी गई। वहीं कुओं में जल स्तर काफी नीचे चला गया और शहर में जहां प्रति दो तीन घरों में से एक घर में कुआ रहा करता था। वहां कुए सूख जाने के कारण उनका कोई उपयोग नहीं रह गया था। ऐसे मेें सिंध जलावर्धन योजना शिवपुुरी के लिए एक वरदान से कम नहीं थी। 

परंतु आज 10 साल बीतने के बाद भी सिंध जलावर्धन योजना अपूर्ण है। सिंधिया स्टेट के समय मेें सीवर लाईन थी लेकिन बढ़ती आबादी के लिए उसे अपर्याप्त माना गया और लगभग 100 करोड़ रूपए लागत का सीवेज प्रोजेक्ट मंजूर किया गया। सीवेज प्रोजेक्ट के घटिया कामकाज ने शिवपुरी को रसातल में पहुंचा दिया। चार साल से अधिक हो गए लेकिन यह प्रोजेक्ट पूर्ण होने का नाम नहीं लेता और इस प्रोजेक्ट के कारण शहर की सभी सडक़े खोद दी गई और शिवपुरी की गांवों से बद्तर हालत हो गई। 

आज भी यह सिलसिला लगातार जारी है और छत्री रोड़ के रहने वाले लोग किस नारकीय जिंदगी में जी रहे हैं इसकी सहज ही कल्पना की जा सकती है। सडक़े खुद जाने के कारण पूरा शहर धूल से पट गया और नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडने लगा। अब स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के कारण सडके बनने का सिलसिला जारी है। लेकिन अभी भी काफी काम बकाया है। परंतु उम्मीद है कि 2019 के साल में शिवपुरी एक नए रूप में दिख सकती है। 

2019 में कई विकास योजनाओं के पूर्ण होने की उम्मीद है। बहुत जल्द संभावना है कि एबी रोड़ पर फोरलेन का वायपास शुरू हो जाएगा। जिससे शहर के मध्य से भारी वाहनों का प्रवेश होना रूक जाएगा और इससे पर्यावरण की जहां रक्षा होगी। वहीं दुर्घटनाओं से भी शिवपुरीवासियों को मुक्ति मिलेगी। वायपास जब शुरू होगा उसके बाद से शहर मेें फोरलेन का निर्माण मेडिकल कॉलेज से लेकर गुना बायपास के लगभग 5 किमी मार्ग में शुरू होगा। 

यह काम पूर्ण होने पर शहर की सुंदरता में निखार आएगा। हालांकि इससे कमलागंज आदि क्षेत्र मेें भयंकर तोडफ़ोड होगी। कई मकान धराशाही होंगे। लेकिन इससे शहर का आवागमन काफी व्यवस्थित होगा। 2019 में उम्मीद है कि माधव चौक का भी निर्माण पूर्ण होगा। जिससे चौराहे की सुंदरता निखरेगी। वहीं मेडिकल कॉलेज पूर्ण होने से शैक्षणिक स्तर पर भी शिवपुरी मेें विकास गति पकड़ेगा। 

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!