वीरेन्द्र रघुवंशी: जब भी चुनाव जीते, पार्टी सत्ता से बेदखल हो गई | kolaras, Shivpuri News

0
शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पांच सीटों में से कोलारस के नवनिर्वाचित विधायक वीरेंद रघुवंशी इस मायने में अनूठे हैं कि जब-जब भी उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा हर बार उनका दल सत्ता से दूर रहा। चार चुनावों में तीन बार वह कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में और एक बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े। कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में एक बार तथा भाजपा उम्मीदवार के रूप में भी एक बार विजयी रहे। 

कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में श्री रघुवंशी ने शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा जबकि अंतिम बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में कोलारस विधानसभा क्षेत्र से वह चुनाव मैदान में आए। उनके अलावा पिछोर विधायक केपी सिंह और शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया भी एक से अधिक बार चुनाव लडंीं लेकिन दोनों के दलों को सत्ता में आने का मौका मिला। पहली बार जीते करैरा विधायक जसवंत जाटव और पोहरी विधायक सुरेश राठखेड़ा ने अपनी जीत की शुरूआत के साथ-साथ प्रदेश में अपने दल कांग्रेस को  भी जीत दिलाई। 

भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने अपना पहला चुनाव 2007 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में लड़ा था। उस चुनाव में पूरी भाजपा सरकार उन्हें हराने के लिए जुटी थी। लेकिन श्री रघुवंशी चुनाव जीत गए थे। वह जरूर चुनाव जीत गए थे लेकिन प्रदेश में उनके दल की सत्ता नहीं थी। 

इसके बाद वीरेंद्र रघुवंशी ने 2008 मेें शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा लेकिन वह 1700 से अधिक मतों से भाजपा प्रत्याशी माखनलाल राठौर से पराजित हो गए। श्री रघुवंशी स्वयं पराजित हुए और उनका दल कांग्रेस भी सत्ता में नही आ पाया। 2013 में वीरेंद्र रघुवंशी पुन: शिवपुरी से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भाजपा प्रत्याशी यशोधरा राजे सिंधिया के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे। उस चुनाव में उन्होंने काफी मजबूती से किला लड़ाया। 

लेकिन इसके बाद भी वह चुनाव नहीं जीत सके और उन्हें 11 हजार से अधिक मतों से पराजय का सामना करना पड़ा। जीत के बाद उन्होंने अपनी हार का ठीकरा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर फोड़ा। वह हारे और साथ में प्रदेश में भी कांग्रेस की सत्ता नहीं आई। इसके बाद वीरेंद्र रघुवंशी चार साढ़े चार साल पहले भाजपा में आ गए और भाजपा में उन्होंने अपना ध्यान शिवपुरी के स्थान पर कोलारस विधानासभा क्षेत्र पर केन्द्रित किया। 

10 माह पहले हुए उपचुनाव में जब प्रदेश में  भाजपा की सत्ता थी श्री रघुवंशी को टिकिट नहीं मिला। परंतु 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया। श्री रघुवंशी 720 मतों से कांग्रेस के निवर्तमान विधायक महेंद्र यादव से चुनाव जीत तो गए लेकिन सत्ता की उनसे बेरूखी बनी रही। 

प्रदेश में भाजपा 15 साल से काबिज थी लेकिन वीरेंद्र रघुवंशी के जीतते ही भाजपा सत्ता से बाहर हो गई और कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बन गई। इस तरह से यह अजीब संयोग रहा कि जब-जब भी वीरेंद्र रघुवंशी ने चुनाव लड़ा तब वह भले ही जीते हो या हारे हों लेकिन उनके दल को सत्ता से बाहर होना पड़ा। 

पहली बार विधायक बनने के बाद दल को सत्ता मेें आने का मिला था मौका 
वीरेंद्र रघुवंशी के अलावा पिछोर विधायक केपी सिंह ने 6 बार चुनाव लडा और वह 6 बार ही विजयी हुए। यशोधरा राजे सिंधिया की जीत का रिकॉर्ड भी शतप्रतिशत रहा है। वह शिवपुरी से चार बार विधानसभा चुनाव लडीं और चारों बार विजयी रहीं। केपी सिंह ने पहला चुनाव 1993 मेें कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लड़ा था और पहले चुनाव में जीत के साथ ही उनके दल कांग्रेस को सत्ता में आने का मौका मिला था और उनका दल 1993 से 2003 तक 10 साल प्रदेश में सत्ता में रहा। 

इसके बाद केपी सिंह और उनके दल कांग्रेस को 2018 में सत्ता में आने का मौका मिला है। यशोधरा राजे सिंधिया ने पहला चुनाव 1998 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में शिवपुरी से लड़ा था और उन्होंने उस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हरिवल्लभ शुक्ला को पराजित किया। लेकिन पहले चुनाव मेें वह स्वयं तो जीत गई लेकिन उनके दल भाजपा को सत्ता में आने का अवसर नहीं मिला। 

2003 में यशोधरा राजे स्वयं जीती और उनका दल भाजपा भी सत्ता में आया तथा यशोधरा राजे को मंत्री बनने का मौका मिला। 2013 में यशोधरा राजे सिंधिया और भाजपा दोनों पावर मेें आए परंतु इस बार 2018 में यशोधरा राजे तो जीत गईं लेकिन उनके दल भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा। 

इनका कहना है-
मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं बल्कि जनता का सेवक हूं और जनता की सेवा करना अपना धर्म मानता हूं। हां यह बात अवश्य सत्य है कि मैं जब-जब भी चुनाव लड़ा तब मेरा दल सत्ता में नहीं आ पाया। परंतु हमारा और हमारे दल का एक मात्र मकसद राजनीति और सत्ता प्राप्त करना नहीं बल्कि जनसेवा करना है और इस पथ पर हम निरंतर आगे बढते रहेंगे। 
वीरेंद्र रघुवंशी 
नवनिर्वाचित विधायक, कोलारस विधानसभा क्षेत्र 

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!