शिवपुरी। मतगणना की अब उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। जिले में पांचो सीटो के मतदान के बाद मतगणना तक पूरे जिले में प्रत्याशियो के हार-जीत के अपने-अपने मत है। हर कोई भविष्य वक्ता बनने का प्रयास करते हुए अपने पसंद के प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहे है। शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने भी भविष्य में झाकने का प्रयास करते हुए, प्रत्येक विधानसभा के लगभग 2 सैकडा मतदाताओ से बातचीत कर एक्जिट पोल तैयार किया है। पढिए क्या हो सकता है शिवपुरी की पांचो विधानसभा की सीटो के रिजल्ट।
शिवपुरी विधानसभा: असतुंष्टि के वावजूद तुलात्मक अध्यनन में निकली आगे राजे
शिवपुरी विधानसभा सीट से भाजपा ओर से अजेय मानी जाने वाली यशोधरा राजे सिंधिया को अपना प्रत्याशी बनाया। वही कांग्रेस ने नए नवेले मात्र 3 साल पुराने कैरियर के सिद्धार्थ लढा को अपना प्रत्याशी बनाया। शुरूआत में सिद्धार्थ लढा को डमी प्रत्याशी मना जा रहा था,लेकिन राजे के खिलाफ खिलाफ असंतुष्टि और वैश्य समाज को टिकिट मिलने के कारण सिद्धार्थ राजे के समझ स्वत: ही मतबूत प्रत्याशी दिखने लगे,सिद्धार्थ युवा होने के कारण यूथ का जुडाव सिद्धार्थ की ओर देखाा गया,जिससे सोशल मिडिया पर कांग्रेस का युवा प्रत्याशी छाया रहा।
चुनाव प्रचार के पूरे समय सिद्धार्थ लढा इतिहार बनाने की ओर दिख रहे थे,लेकिन जैसे ही चुनाव साईलेंट मोड पर आया मतदाताओ में चिंतन होनेे लगा। तुलनात्मक रूप दिया जाने लगा वैसे—वैसे राजे प्लस की ओर आ गई। इस चुनाव में सिद्धार्थ कांटे की टक्कर दी है,लेकिन इतिहास नही बन सकता है। शिवपुरी विधानसभा के मतदताओ की असतुंष्टि के बावजूद जब मतदातान ने राजे ओर सिद्धार्थ के बीच तुलनात्मक अध्यन् किया तो राजे का कद बड समझ वेाट किया। यशोधरा राजे इस चुनाव में विजयी होंगी।
पोहरी विधानसभा: हाथी जाटव और कुशवाह समाज के रथ पर ब्राहम्मणो ने संभाली बागडौर
इसके साथ ही अगर बात पोहरी विधानसभा की करें तो यहां से 20 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। जिनका भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है। इस चुनाव में जीत का ताज आखिर किसके सिर बंधेगा। तो यह 11 तारीक को फाईनल होगा। शुद्ध् रूप से जातिगत विधानसभा में जातिगत समीकरण बिगडे और इसका फायदा बसपा के कैलाश कुशवाह को मिला। इस सीट पर ब्राहम्ण समाज किंगमेकर बना है,या यू कह लो की ब्राहम्मण टिकिट की दौड में हार कर इस सीट को जीताने वाला बाजीगर बना है।
धाकड समाज के नेताओ को दोनो दलो से टिकिट मिलने के कारण पोहरी विधानसभा में अजेय समझी जाने वाली धाकड जाति के वोटो को ध्रुवीकरण हो गया। जिस जाति के बल पर टिकिट आबंटन हुए उसकी बटौना हो गया। दोनो प्रत्याशी अपनी आधी शक्ति के चुनाव मैदान में आए, तो कैलाश कुशवाह जाटव और कुशवाह समाज की जाति के रथ पर बैठकर सवार मैदान में उतरे, ब्राहम्मणो ने इस रथ की बागडौर संभाली, कैलाश कुशवाह पोहरी चुनाव में नम्बर एक की पोजिशन पर है। सटटा बजार में भी कैलाश नम्बर वन की पोजीशन पर है। कैलाश कुशवाह पहले नंबर पर है,दूसरे स्थान पर भाजपा और कांग्रेस मेे संघर्ष है।
कोलारस विधानसभा: भाजपा में भितरघात के चलते महेन्द्र होंगें सिरमौर
कोलारस विधानसभा में भाजपा को जबजस्त भिरतघात हुआ हैं,कोलारस में भाजपा नेताओ के कई गुट है चुनाव में टिकिट की लडाई भोपाल की सडको पर देखी गई।कोलारस में भाजपा नेताओ के कई आका हैं,लेकिन कांग्रेस में केवल महाराज भाजपा की अपेछा कांग्रेस में कम भितरघात हुआ है,यादव समाज ने स्वंय तो वोट महेन्द्र को किया है बल्कि अपने प्रभाव में आने वाली अन्य समाजो से भी वोट महेन्द्र को कराया है। आकंडे और हवा बता रहे है कि महेन्द्र इस चुनाव में छिमाही विधायक नही होेंगें,महेन्द्र यादव की चुनाव जीतने की प्रबल संभावना है।
पिछोर विधानसभा, पहलवान को चित्त नही कर सकते प्रीतम
जिले की पिछोर विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनाव में कक्काजू के समाने हार का सामना कर चुके प्रीतम सिंह लोधी को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। यहां कक्काजू के सामने सबसे खतरनाक कांटा बनकर सामने आए बसपा के लाखन सिंह बघेल, परंतु यहां कक्काजू ने अपने चुनावी घोडों को दौडाकर इन्हे रास्ते से ही हटा दिया। उसके बाद भाजपा के प्रत्याशी प्रीतम लोधी ने यहां मतदाताओं को लुभाने हेमामालिनी सहित उमा भारती को चुनावी मैदान में झोंक दिया था। जिसके चलते यहां वह प्रबल दाबेदारी में आ गए थे। लेकिन कांग्रेस के पहलवान का स्वंय का वोट बैक और चुनाव लडने का गणित प्रीतम पर भारी है,बाहरी और स्थाई की हवा पर बैठकर कक्काजू इस चुनाव में विजय होंगेंं।
करैरा विधानसभा,सबसे कम जीत का अंतर यहां, कांग्रेस विजयी
जिले की करैरा विधानसभा में मुकाबला सबसे नजदीक का निकलकर सामने आया है। यहां कांग्रेस ने विधायक शकुंतला खटीक का टिकिट काटकर जसवंत जाटव को टिकिट दिया है। जबकि भाजपा ने टिकिट के प्रबल दाबेदार माने जा रहे रमेश खटीक का टिकिट काटकर राजकुमार खटीक पर दाव खेला। इस दाब के चलते रमेश खटीक ने भाजपा से बगावत कर दी और रमेश खटीक यहां से सपाक्स के टिकिट पर चुनावी मैदान में उतर गए।
यहां बसपा ने भी अपना दाव खेलते हुए प्रागीलाल जाटव को चुनावी मैदान में उतारा। जिसमें यहां मुकाबला आमने सामने का न होकर चार प्रत्याशी में हो गया। माना जा रहा है कि सपाक्स के रमेश खटीक के सामने आने से यहां राजकुमार खटीक कमजोर हो गए। अब मुकाबला सीधा सीधा कांग्रेस के जसबंत जाटव और बसपा के प्रागीलाल जाटव के बीच सीधा माना जा रहा है। जहां जसबंत जाटव बढत इस चुनाव को निकालते दिख रहे है।
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