शिवपुरी। दीपावली जैसे प्रमुख और महत्वपूर्ण त्यौहार पर बाजारों में रौनक देखने को नहीं मिली। लेकिन सर्राफा बाजार को यदि छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी बाजारों में इस बार अच्छी विक्री देखने को मिली। खासकर ऑटोमोबाईल सेक्टर, जूता मार्र्केट, वर्तन, इलैक्ट्रोनिक, पेंट मार्केट, कपड़ा मार्केट, किराना मार्केट आदि में अच्छा व्यापार देखने को मिला। सिर्फ सर्राफा बाजार जरूर प्रभावित हुए। इस समय सोने और चांदी की कीमतें काफी निम्न स्तर पर चल रहीं हैं। इसके बाबजूद भी धनतेरस जैसे त्यौहार पर सर्राफा बाजार में सूनापन छाया रहा। सिर्फ दस एवं पांच ग्राम के लक्ष्मी जी के सिक्कों की विक्री अवश्य हुई। बाजार किसानों की अच्छी फसल न होने के कारण थोड़ा बहुत फीका रहा लेकिन अप्रभावित रहा क्योंकि शहरी लोगों ने इस त्यौहार पर अच्छी खरीददारी की।
धनतेरस से पूर्व ऑटोमोबाईल सेक्टर और इलैक्ट्रोनिक दुकानदारों में पूर्व की भांति इस बार अच्छा खासा चला, धनतेरस पर दोनों बाजारों में खासी रौनक देखने को मिली। धनतेरस पर मोटर साईकिल, कार और ट्रेक्टरों की विक्री खूब हुई। शहर में टीव्हीएस, हीरो होण्डा, बजाज आदि मोटर साईकिलों, स्कूटरों और मोपेडों की जमकर बिक्री हुई और सुबह से देर रात तक प्रतिष्ठानों पर ग्राहकों का तांता लगा रहा। बताया जाता है कि एक दिन में ही 3 सैकड़ा से अधिक वाहन विके वहीं ट्रेक्टरों की भी फसलें ठीक न होने के बाबजूद जमकर विक्री हुई।
यहां तक कि लगभग एक सैकड़ा कारें एक ही दिन में बिक गई। इलैक्ट्रोनिक मार्केट भी धनतेरस पर खूब रोशन हुआ। राठी एण्ड संस के संचालक नंदकिशोर राठी बताते हैं कि धनतेरस को उनके प्रतिष्ठान पर विक्री का आंकड़ा 12 लाख से ऊपर पहुंच गया। अग्रवाल एप्लासेंस, पंजाब इलैक्ट्रीकल्स आदि दुकानों पर भी देर रात तक खासी भीड़ देखने को मिली। दीपावली त्यौहार पर दस-पन्द्रह दिन पहले से बाजारों में कपड़ों की भी खासी विक्री हुई। खासकर रेडीमेड दुकानों पर अधिक उत्साह देखने को मिला। धनतेरस पर इस वर्ष भी हमेशा की तरह वर्तनों की बिक्री खूब हुई। स्टील के वर्तनों की खरीददारी के लिए ग्राहकों में उत्साह देखने को मिला।
अनुमान के अनुसार धनतेरस पर शहर में लगभग 40 लाख रूपए मूल्य की विक्री हुई। दुकानदारों का कहना था कि यदि इस बार किसान और खुश होता तो और अधिक बिक्री होती। क्योंकि ग्रामीण खरीददार किसान बाजार से कम आए। सर्राफा बाजार में धनतेरस पर अवश्य मायूसी रही। हालांकि सुबह-सुबह सोने के भाव 25,500 रूपए प्रति दस ग्राम के निचले स्तर पर पहुंच गए थे, लेकिन शाम होते-होते सोने का भाव 26, 200 प्रति दस ग्राम बताया जाने लगा। चांदी के भाव 36000 रूपए किलो बताया जा रहा था, लेकिन खरीददारी फिर भी कोई खास नहीं रही। चांदी के वर्तनों और सोने के आभूषणों की विक्री इस बार पिछले वर्ष की तुलना में कम रही।
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