
माना जा रहा है कि अब पोहरी से अगर कांग्रेस सुरेश राठखेडा का नाम तय करती है तो हरीबल्लभ शुक्ला कांग्रेस से बगावत कर सकते है। माना जा रहा है किे ब्राहमण समाज को एकजुट कर हरीबल्लभ शुक्ला पोहरी विधानसभा से सपाक्स का दामन थामकर चुनाब लड सकते है। हांलाकि अभी तो कांग्रेस की ओर से विधिबत सूची भी जारी नहीं की गई है तो फिर महज यह कयास ही लगाए जा रहे है।
यहां बता दे कि पोहरी विधानसभा में न तो शिव राज की लहर है और न ही सिंधिया सरकार की कोई विशेष भूमिका है। यहां तो चुनाव जातिगत आधार पर ही तय होते है। जिसमें पोहरी विधानसभा से धाकड समुदाय और ब्राहमण समुदाय के बीच राजनैतिक आकडा बनता है। परंतु देानों ही दलों ने धाकड समुदाय के उम्मीदवार पर अगर भरोषा जताया तो फिर ब्राहमण समुदाय से अगर कोई एक प्रत्याशी रहा तो मुकावला बदल सकता है।