CM की सभा के मायने: डरी हुई BJP और कांग्रेस के गुस्से से डरते शिवराज | Shivpuri News

ललित मुदगल@एक्सरे/शिवपुरी। विधानसभा चुनावो का शंखनाद हो चुका हैं। प्रत्याशी फायनल होने की मथापच्ची और दिवापली की धूम के बाद चुनाव प्रचार भी जोर पकड चुका हैं। आज जिले में सीएम की तीन विधानसभाओ में सभा की, राजनीतिक पंडित सीएम की इन सभाओ से भाजपा के अंंदर के डर का गणित लगा रहे हैं,वही सीएम के भाषणो में एक बात स्पष्ट हुआ कि कांग्रेस की सीएम को डराने की रणनीति काम कर गई है आईए इस मामले का एक्सरे करते है।

आज सीएम शिवराज सिंह की पिछोर विधानसभा, पोहरी विधानसभा और करैरा विधानसभा में आम सभाए थी। राजनीतिक पंडितो का कहना है कि उक्त तीनो सीट ही भाजपा की फसी हुई हैं डरी हुई हैं। इस कारण ही सीएम की सभाए यहां रखी गई है। इन सभाओ के हालाकि कई मायने हो सकते है, लेकिन यह बात स्पस्ट है कि इन तीनो विधानसभाओ में भाजपा का सफर आसान नही हैं। 

पिछोर अभी तक कांग्रेस के लिए अजेय रही हैं, भाजपा ने सीट से पुन: प्रीतम लोधी को अपना उम्मीदवार इस उम्मीद से बनाया है कि प्रीतम लोधी ने अभी तक कांग्रेस के केपी सिंह का जीत का अंतर सबसे कम किया हैं। लेकिन राजनीतिक खबरो को कहना है दूध का जला छाछ भी फूक-फूक कर पीता हैं, केपी सिंह ने अपने सभी कमजोर गढडे भर लिए है। भाजपा के लिए यह सीट को हथियाना मानो लोहे के चने चबाना हैंं। 

करैरा सीट पर भाजपा का गणित तब तक सही था जब तक सपाक्स के साथ रमेश खटीक नही थे। पूर्व विधायक रमेश खटीक ने करैरा के गणित को हिला दिया,खासकर भाजपा का तो हिल गया, करैरा के वोटरो को कहना है कि टिकिट क्यो कटा गया,सवाल भाजपा के लिए खडा है। भाजपा की लडाई यहां भाजपा से ही होती दिख रही हैं। इस कारण यहां भाजपा को अपनो से ही चुनौती है।

पोहरी विधानसभा में कोई लहर और मुददा काम नही करता है,लेकिन शुद्ध जातिवाद की लडाई होती हैं। भाजपा ने अपना पुराना ब्राहम्मण और धाकड का पेटर्न अपनाते हुए दो बार के विधायक प्रहलाद भारती को चुनाव में उतार दिया उम्मीद थी कि कांग्रेस किसी ब्राहम्मण को उम्मीदवार बनाऐगी,लेकिन कांग्रेस ने भाजपा की चाल पर चाल चलते हुए धाकड को अपना प्रत्याशी बना दिया। सारे गणित फैल हो गए। 

अब धाकड मतदाता किस ओर जाऐगा समझ में नही आ रहा है इसी समझ और न समझ के फैर में हाथी मेरा साथी अन्य जातियो में होने लगा,भाजपा डर गई इस कारण ही सीएम की सभा का यह आयोजन रखा गया। कुल मिलाकर यह मुकाबला भाजपा के लिए आसान नही है। कुल मिलाकर इन तीनो विधानसभाओ में भाजपा डरी हुई है।

अब बात करते है सीएम के भाषणो की पिछले 10 सालो में पहली बार देखा गया है कि कांग्रेस की रणनीति विज्ञापनो में काम कर गई इन विज्ञापनो में भाजपा नही सीएम शिवराज ही डर गए। सीएम शिवराज ने आज तीनो विधानसभाओ में कांग्रेस के गुस्से वाले विज्ञापन का जिक्र किया है। जनता में गुस्सा किस पर आ रहा है यह तो वोटिंग मशीन ही बताऐगीं,लेकिन सीएम को गुस्सा इन कांग्रेस के इन विज्ञापनो पर जरूर आ रहा है जिले की हर सभा में कांग्रेस के इस विज्ञापनो का जिक्र किया हैं वे अपने अंदाज से इन विज्ञापनो की सफाई अवश्य दे गए है।