भोपाल। कोलारस विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति तेजी से कमजोर हुई है। उपचुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया विरुद्ध शिवराज सिंह हो गया था इसलिए लोगों ने कांग्रेस को वोट देकर महेन्द्र यादव को जिताया परंतु अब वो सिंधिया की अपील सुनने के मूड में भी नहीं हैं। हालात यह हैं कि यादव समाज भी विधायक महेन्द्र यादव के खिलाफ लामबंद हो गया है।
सूत्रों का कहना है कि महेन्द्र यादव का कोलारस में शुरू से ही विरोध था। उपचुनाव में जो वोट मिले वो महेन्द्र यादव को नहीं बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिए गए थे। अब मुख्य चुनाव है। सिंधिया की प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं है। इस बार जो भी विधायक बनेगा वो 5 साल चलेगा और महेन्द्र यादव को 5 साल का विधायक बनाने के मूड में कोलारस की ज्यादातर जनता नहीं है। कहने की जरूरत नहीं कि ब्राह्मण समाज महेन्द्र यादव से नाराज है। अनुसूचित जाति और सहरिया जातियों के लोग महेन्द्र यादव के पुराने व्यवहार के कारण उसे कतई पसंद नहीं करते। कोलारस शहर में तो महेन्द्र यादव का जनता ने क्या हाल किया, बताने की जरूरत ही नहीं। हालात यह हैं कि यादव समाज में भी महेन्द्र यादव को भारी विरोध है।
भाजपा को होगा फायदा
2018 के चुनाव में कोलारस में भाजपा को फायदा होता हुआ दिखाई दे रहा है। विधानसभा के जातिगत माहौल से परिचित एक समीक्षक का कहना है कि कांग्रेस से महेन्द्र यादव का टिकट फाइनल है और ऐसी स्थिति में फायदा भाजपा को होगा। बताया गया है कि भितरघात ना हो तो भाजपा यदि देवेन्द्र जैन को भी टिकट देती है तो जीत सुनिश्चित है। वीरेन्द्र रघुवंशी की स्थिति में जीत का अंतर बढ़ जाएगा और यदि कोई नया नाम सामने आया जो सभी को स्वीकार्य हो जाए तो यह कोलारस की रिकॉर्ड जीत होगी।
Social Plugin