शिवपुरी। शिवपुरी में शुरू होने वाले सरकारी मेडीकल कॉलेज में चिकित्सकीय पदों व अन्य स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव होने के कारण यह प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है। पिछले दिनों इस मेडीकल कॉलेज में भर्ती प्रक्रिया के लिए जो आवेदन मंगाए गए थे उसके लिए 30 सितंबर को अंतरिम चयन सूची जारी कर दी गई।
इस सूची पर आपत्ति के लिए मात्र 24 घंटे का समय दिया गया। इतना काम समय देने के बाद भी जिला अस्पताल के जिस कक्ष में आपत्ति मंगाई गई थी उस पर 1 अक्टूबर को ताला डला रहा। कई आपत्तिकर्ता अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए इधर-उधर घूमते रहे। साथ ही इस मेडीकल कॉलेज में की जा रही पूरी भर्ती प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में हैं।
बताया जाता है कि इस मेडीकल कॉलेज में विभिन्न पदों के लिए 40 हजार से ज्यादा आवेदन पिछले दिनों आए। इन आवेदनों के बाद अंतरिम सूची को शार्ट आउट करते हुए आनन-फानन में सूची जारी कर दी। इस सूची का आधार क्या रहा। इस पर जिम्मेदार अफसर जबाव देने से बचते देखे गए।
कुल मिलाकर अपने लोगों को भर्ती प्रक्रिया का लाभ देने के लिए आनन-फानन में पूरी भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है। जिसमें मेडीकल कॉलेज के कुछ जिम्मेदार अफसरों पर लेनदेने के आरोप भी लग रहे हैं। सूत्रों ने बताया है कि पूरी प्रक्रिया में सारा लेनदेन ग्वालियर में बैठे कुछ अफसरों व डॉक्टरों के हाथ में चल रहा है। कुछ आवेदकों ने सोमवार को इसकी लिखित शिकायत मुख्य सचिव चिकित्सा सेवा आरएस जुलानिया को भेजी है। इसके अलावा आवेदन करने वाले लोगों ने इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग सहित सीएम शिवराज सिंह चौहान से इस प्रक्रिया को रोकने की मांग की है।
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