नाकाम प्रशासन और डेंगू से बिगड़े हालातों के चलते अभिभाषक पहुंचे कोर्ट, कलेक्टर सहित पांच के खिलाफ याचिका पेश

0
शिवपुरी। शिवपुरी में डेंगू त्रासदी लेकर अब शहर के जागरूक अभिभाषकों ने प्रशासनिक असुनवाई के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मानवाधिकार संरक्षण न्यायालय शिवपुरी में एक परिवाद दायर कर शिवपुरी कलेक्टर श्रीमती शिल्पा गुप्ता, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. इला गुजरिया, सीएमएचओ डॉ. ए.एल. शर्मा, मलेरिया अधिकारी डॉ. लालजू शाक्य और मुख्य नगर पालिका अधिकारी सी.पी. राय को पार्टी बनाया है। इन लोगों के खिलाफ धारा 30 मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत शहर के जिन 12 अभिभाषकों ने परिवाद दायर किया है उनमें बार काउंसिल अध्यक्ष स्वरूप नारायण भान, एडव्होकेट धर्मेन्द्र शर्मा, अजय गौतम, जे.पी. शर्मा, गिरीश गुप्ता, लक्ष्मी नारायण धाकड़, दीपक भार्गव, परवेज कुर्रेशी, राजीव शर्मा, मुरारीलाल कुशवाह, शैलेन्द्र समाधिया, श्रीमती साधना सक्सैना शामिल हैं।  

दायर परिवाद में कहा गया है कि लोगों के स्वस्थ जीवन की सुरक्षा तथा रोगों की रोकथाम करने के लिए उक्त अनावेदक कलेक्टर, डीन, सीएमएचओ, मलेरिया अधिकारी और सीएमओ नपा दायित्वाधीन हैं, जिले में इस समय डेंगू एवं वायरल बुखार से पीडि़त मरीज हजारों की संख्या में प्राण रक्षा के लिए ग्वालियर, झाँसी, कोटा, आगरा, दिल्ली जा रहे हैं। इस समय शहर शिवपुरी के तमाम मरीज और बच्चे गम्भीर बीमारी से जूझ रहे हैं, अभिभाषक संघ के सदस्य हेमंत कटारे की पुत्री सहित कई बच्चों की डेंगू से मौत हो गई है। 

नगर में न तो नालियों की सफाई की जा रही, न दवाओं का छिड़काव किया जा रहा, झूठे आंकड़े स्थापित किए जा रहे हैं और यह जताया जा रहा है कि शहर के प्रत्येक घर में लार्वा जाँच हो चुकी है, सभी जगह लार्वा नष्ट कर दिए गए हैं। परिवाद में कहा गया है कि कलेक्टर को भी 23 अक्टूबर को ज्ञापन दिया लेकिन उन्होंने भी कोई कार्यवाही नहीं की है। शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज होने के चलते वहां पदस्थ डॉक्टर वेतन लेने के बावजूद मेडिकल कॉलेज परिसर या अस्पताल में अपनी सेवायें नहीं दे रहे हैं। मरीजों को रैफर किया जा रहा है, जिले में कोई मलेरिया अधिकारी ही पदस्थ नहीं है, डॉ. लालजू शाक्य मलेरिया अधिकारी न होकर एपीडैमियो लॉजिस्ट हैं। 

इनके द्वारा एक तरफ 36 हजारों घरों में लार्वा सर्वेक्षण बताया जा रहा है वहीं चाय की छलनी से लार्वा छाना जाना 23 अक्टूबर को बताया गया है। दूसरी ओर मुख्य नगर पालिका अधिकारी शिवपुरी कार्यवाही करने, नोटिस देने, नालियों की सफाई कराने की बात कर रहे हैं, सीएमएचओ कलेक्टर के सामने सभी घरों में जाँच की बात कह रहे हैं। 

जबकि परिवाद दायर कर्ता सभी अभिभाषक शहर के अलग अलग हिस्सों में निवास करते हैं जहाँ न तो लार्वा सर्वे हुआ, न दवा छिड़की गई, न नाली सफाई की गई, अभिभाषकों ने मानवाधिकार न्यायालय में गुहार लगाई है कि न्यायालय से इस समस्या पर खुद जाँच करे और निगरानी करे साथ ही दोषियों पर कार्यवाही की जाए ताकि शिवपुरीवासी भयमुक्त जीवन जी सकें।

प्रकरण की दिन प्रतिदिन सुनवाई की जाकर प्रभावी कार्यवाही की माँग की गई है। बताया जाता है कि आज पेश इस याचिका को माननीय जिला न्यायाधीश आर.बी. कुमार ने गम्भीरता से लेते हुए आवेदकों द्वारा तलवाना जमा कराए जाने की स्थिति में कलेक्टर सहित सभी पांचों जिम्मेदार अधिकारियों को आगामी 29 अक्टूबर को उपस्थिति, जबाव और प्रारम्भिक तर्क हेतु कोर्ट में पेश होने का फरमान सुनाया है।
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!