शिवपुरी। शिवपुरी की राजनीति के लिए बडी खबर बन चके डॉ गुलाब सिंह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष होटल रैडीसन में डॉ. गुलाब सिंह ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की तथा पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस में शामिल होने के बाद डॉ. गुलाब सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह बिना शर्त पार्टी में शामिल हुए हैं।
जहां तक पोहरी विधानसभा क्षेत्र के टिकट का सवाल है तो इस पर पहला हक पोहरी के स्थानीय कांग्रेस दावेदारों का है, लेकिन वह कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी की जीत के लिए जुटेंगे और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया जहां-जहां भी उनकी आवश्यकता महसूस करेंगे वह वहां जाएंगे।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद इस संवाददाता से चर्चा करते हुए डॉ. गुलाब सिंह ने कहा कि जिस मंशा से वह भाजपा में आए थे वह मंशा पूर्ण नहीं हुई है और उम्मीद भी नजर नहीं आ रही। भाजपा से निराश होकर वह कांग्रेस में आए हैं। कांग्रेस में वह बिना किसी शर्त के आए हैं और उनकी टिकट की कोई मांग नहीं है।
डॉ. गुलाब सिंह ने कहा कि सिंधिया परिवार से उनके पुराने रिश्ते हैं। बड़े महाराज से लेकर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से अक्सर उनकी बात होती रहती है। पोहरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को जिताने की कमान उनके सुपुत्र संभालेंगे और मैं पूरे प्रदेश में घूमूंगा।
तीन चुनाव हार चुके हैं डॉ. गुलाब सिंह
डॉ. गुलाब सिंह किरार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया था, लेकिन व्यांपम घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें हटा दिया गया था। गुलाब सिंह मूल रूप से भिण्ड जिले के निवासी हैं और वह पूर्व में दो बार विधानसभा का चुनाव निर्दलीय रूप से तथा एक बार नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव बसपा प्रत्याशी के रूप में लड़ चुके हैं। तीनों ही चुनावों में डॉ. गुलाब सिंह पराजित हो चुके हैं।
डॉ. गुलाब सिंह मूल रूप से कांग्रेसी हैं: विधायक भारती
विधायक प्रहलाद भारती ने डॉ. गुलाब सिंह के कांग्रेस में शामिल होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह अवसरवादी हैं तथा सभी पार्टियों की खाक छान चुके हैं। डॉ. गुलाब सिंह मूल रूप से कांग्रेसी हैं। उनका भतीजा देवराज किरार ने पोहरी से कांग्रेस टिकट की मांग की थी। उनके कांग्रेस में शामिल होने पर यही कहा जा सकता है कि वह अपने घर में वापस चले गए हैं।
उनके पार्टी छोडऩे से भाजपा को नुकसान नहीं, बल्कि फायदा ही होगा। पोहरी से उनका क्या लेना देना। न वह यहां के निवासी हैं और न ही पोहरी उनकी कर्मस्थली। डॉ. गुलाब सिंह विभिन्न दलों से कई बार चुनाव लड़ चुके हैं और हर चुनाव में बुरी तरह से पराजित हुए हैं। उनका कोई जनाधार नहीं है। वह स्वयं तथा उनकी भतीजी सलोनी धाकड़ भी भाजपा टिकट की मांग कर रही थी। टिकट मिलने की आस समाप्त होने पर उन्होंने भाजपा छोड़ी है।
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