केंद्रीय सूचना आयुक्त ने बाल संरक्षण गतिविधियों का जायजा लिया

शिवपुरी। केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने शनिवार को अपने शिवपुरी दौरे के दौरान बाल कल्याण समिति सीडब्ल्यूसी कार्यालय पर पहुंचकर बाल संरक्षण के क्षेत्र में जिले में संचालित गतिविधियों का जायजा लिया। श्री आचार्युलू ने किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) के क्रियान्वन की जानकारी ली। अपने दौरे के दौरान श्री आचार्यलु   ने बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अजय खेमरिया, सदस्य आलोक इंदौरिया, श्रीमती सरला वर्मा, रंजीत गुप्ता, अनुज दुबे से बात की और बाल संरक्षण को लेकर चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी ली। इस दौरान श्री आचार्यलु ने जिले में बाल श्रम उन्मूलन, भिक्षावृत्ति को रोकने को लेकर चाइल्ड लाइन के कोऑर्डिनेटर नबी अहमद से जानकारी ली। जिले में बाल श्रम उन्मूलन और बाल संरक्षण को लेकर 1098 पर आने वाले कॉल को लेकर भी चाइल्डलाइन कार्यकर्ताओं से बातचीत की। 

केंद्रीय सूचना आयुक्त ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी आकाश अग्रवाल से आईसीपीएस की गतिविधियों का ब्यौरा लिया और जिले में बाल संरक्षण संस्थाओं एवं प्रशासन के साथ समिति के कार्यक्रम को लेकर सूचना आयुक्त ने प्रक्रिया को समझा। इस मौके पर बाल कल्याण समिति द्वारा बताया गया कि जिले में एक भी ऐसी संस्था नहीं है जिनका प्रावधान जेजे एक्ट 2016 में बाल संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए किया गया है।

सूचना आयुक्त ने बताया कि ऐसी संस्थाओं के अभाव में कानून की भावना के अनुरूप बाल संरक्षण संभव नहीं है। इस संबंध में उन्होंने शिवपुरी जिला समिति के आग्रह पर मध्यप्रदेश शासन और केंद्रीय निकायों से बात करने का भरोसा दिलाया। चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि देश मे जेजे एक्ट के कानून के निर्माण में वह विशेषज्ञ के तौर पर काम कर चुके हैं।

इसके अलावा अपने गृह राज्य आंध्र प्रदेश में भी उन्होंने जेजे एक्ट के क्रियान्वन को लेकर कई नवाचारों को अंतिम रुप दिया है।उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में भी जेजे एक्ट मूल अवधारणा के अनुसार क्रियांवित किया जाएगा। इसके लिए सरकार के स्तर पर सक्षम अधिकारियों को निर्देश जारी करेंगे।

सूचना आयुक्त द्वारा सूचना के अधिकार के जनकल्याण और स्थानीय विकास के लिए उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कई उदाहरण देकर बताया कि किस तरह स्थानीय और समुदाय विकास के मामलों में सूचना के अधिकार का यह कानून परिणाम उन्मुखी साबित हुआ है।

एक अनौपचारिक चर्चा के दौरान उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि मौजूदा संसद सूचना आयुक्त और इस कानून की कड़े प्रावधानों को शिथिल करने का प्रयास कर रही है। ऐसे प्रयासों से यह अधिकार कमजोर होगा जिसका खामियाजा संसदीय शासन व्यवस्था को उठाना पड़ेगा। इस मौके पर विधि विशेषज्ञ और एक्टिविस्ट अभय जैन, बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा, शिवजीत यादव, विशेष किशोर पुलिस इकाई अधिकारी भी मौजूद थे।