
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि उपनिरीक्षक कोमल सिंह परिहार, आरक्षक भोलासिंह और केशव तिवारी के विरूद्ध भादवि की धारा 323 के तहत संज्ञान लिए जाने के पर्याप्त आधार है। प्रकरण आपराधिक पंजी में दर्ज किया जागर आरोपीगण की उपस्थिती हेतु नियत किया जाता है। प्रकरण में फरियादी की ओर से पेरवी अभिभाषक संजीव बिलगैया द्वारा दी गई। फरियादिया उमा नायक ने अपने परिवाद में बतया कि वह जिला न्यायालय रतलाम में स्टेनोग्राफर के पर पदस्थ है।
उसके पिता बीएसएनएल में नौकरी करते है। घटना दिनांक 12 जुलाई 2015 को वह अपने परिजन से मिलने विधिवत शासकीय आवास लेकर शिवपुरी आई थी कि सांयकाल छह बजे वह अपनी छोटी बहन के साथ टूव्हीलर स्कूटी से जा रही थी। तभी दो बत्ती चौराहे पर आरोपी महिला उप निरिक्षक कोमल परिहार ने उसके वाहन को रोका तथा स्कूटी की चाबी निकाल ली। तब फरियादिया ने इस प्रकार चाबी निकालने के कृत्य को गलत बताया तो आरोपी कोमल परिहार उत्तेजित हो गई।
तथा उसने उसे अश्लील गालियां दीं एवं सभी आरोपीगणों ने उसके साथ लात-घूसो से मारपीट की। मारपीट से फरियादिया को चोटें आई जिसका मेडिकल भी जिला अस्पताल में किया गया। फरियादिया ने अपने परिवाद के समर्थन में पांच साक्षियो के कथन भी लेखबद्ध कराए। डॉ. सुनील सिंह के कथन से फरियादिया उमा नायक के शरीर पर चोट होना प्रथम दृष्टया में पाया गया।