
पीएचई विभाग में पंप अटेंडेंट अशोक शर्मा ने आरोप लगाया कि 1988 से पंप अटेंडर के पद पर 24 वर्ष तक सेवाएं देता रहा वर्ष 2012 में वह अपनी नियुक्ति को स्थायी करने उच्च न्यायालय और दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय में पिटीशन दी जिसमें वेतन की अंतर की राशि के साथ एरियर के भुगतान के आदेश दिए गए पर विभाग के अधिकारियों और बाबू ने नहीं माने।
मुझे पंप अटेंडर से माली के पद का भुगतान किया गया। इस तनाव से मुझे हार्ट अटैक भी आया और दिल्ली में इलाज चल रहा है। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो अब सीधे राष्ट्रपति को आवेदन देकर मांग की है कि या तो मेरा प्रकरण 15 दिन में निपटवा दें या फिर इच्छा मृत्यु की अनुमति दें।
कल ही हम इनका प्रस्ताव देंगे
यह बात सही है कि उनकी वेतन विसंगति है। हम उसे दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। कल ही भोपाल में ईएनसी को हम इनका प्रस्ताव देंगे। ये अनर्गल आरोप लगाकर गलत दबाव हैं।
संजय कुमार, मुख्य अभियंता विभाग