आधा सैंकड़ा प्रायवेट स्कूल संचालकों ने मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

0
शिवपुरी। एक वर्ष से विभिन्न समस्याओं को लेकर निजी स्कूल संचालकों द्वारा शासन से मांगें की जा रही हैं, लेकिन शासन ने समस्याओं के निराकरण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। इससे असंतुष्ट होकर प्रदेशभर में एमपी बोर्ड से संचालित होने वाले स्कूल संचालकों द्वारा सांकेतिक रूप से विद्यालय बंद कर आंदोलन किया। इसी क्रम में शिवपुरी में आधा सैंकड़ा से अधिक स्कूल संचालकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। बंद शांतिपूर्ण रहा जिसका अन्य संस्थाओं ने भी समर्थन किया।

यह रखी मांगें
1. स्कूल संचालकों शासन के अशासकीय विद्यालयों में फीस नियंत्रण हेतु निजी विद्यालय फीस नियंत्रण अधिनियम को मप्र राजपत्र में प्रकाशित किया है वह नितांत ही अव्यवहारिक है जिस पर हजारों आपत्तियां दर्ज की जा चुकी हैं। उक्त विधेयक से पूरे प्रदेश में हजारों विद्यालय तालबंदी के शिकार हो जावेंगे जिससे उनमें कार्यरत लाखों शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे तथा करोड़ों विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो जावेगा। उक्त विधेयक को तत्काल वापस लिया जावे तथा गुजरात एवं उत्तरप्रदेश में लागू फीस नियंत्रण अधिनियम मप्र में लागू किया जावे।

2. यह अनिवार्य नि:शुल्क शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत 2016-17, 2017-18 की शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु शासन द्वारा जटिल प्रक्रिया डिजीटलाइजेशन और बायोमेट्रिक पद्धति निर्धारित किये जाने से मप्र के 90 प्रतिशत अशासकीय विद्यालयों को उक्त भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। यह कि राज्य शासन द्वारा निर्धारित की गई उक्त प्रक्रिया को आपाधापी, जल्दबाजी, बगैर दूरगामी दुष्परिणामों के आंकलन के साथ लागू किया गया है जो व्यवहारिक नहीं है और इस पर नगरीय निकायों, ग्राम पंचायतों स्तर पर लागू करने के पूर्व कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई जिस कारण अशासकीय विद्यालयों को आर्थिक हानि से ग्रसित होना पड़ेगा।

3. मप्र लोक शिक्षण संचालनालय तथा माध्यमिक शिक्षा मंडल मप्र द्वारा मान्यता शुल्क/निरीक्षण शुल्क/संबद्धता शुल्क 400/500 प्रतिशत तक की गई शुल्क वृद्धि का एसोसिएशन विरोध करता है तथा शासन से मांग करता है कि बढ़ाई गई सभी शुल्कों को कम किया जाये तथा बढ़े हुए शुल्क वापस लिये जाये। 

इनके अलावा अन्य मांगें भी शाामिल हैं। 
ज्ञापन में स्कूल एसोसिएशन ने उल्लेख किया मांगों को शीघ्रता से पूरा किया जाए अन्यथा 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर प्राइवेट स्कूल के संचालक, प्राचार्य, शिक्षक, शिक्षक सम्मान समारोह का बहिष्कार करेंगे एवं शिक्षक दिवस से ही पूरे मप्र के प्राइवेट स्कूल अनिश्चितकाल बंद करने का निर्णय लिया गया है। वार्ड तथा ग्राम स्तर पर सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों के साथ शासन द्वारा की जा रही मनमानी एवं तानाशाही पूर्ण नियमों के विरूद्ध वार्ड एवं ग्राम स्तर पर अभिभावकों, पालकों, जनता के बीच अपनी मांगों के समर्थन में जनजाग्रति अभियान चलाएगी।
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!