शिवपुरी। देहात थाना क्षेत्र में वनविभाग के रेंजर के विरूद्व एक भूमिस्वामी ने शिकायती आवेदन दिया हैं। इस शिकायत में कहा गया कि उक्त रेंजर ने मुझ प्रार्थी को मेरी निजी भूमि से झूठे मामले में फसा देने की धमकी देत हुए भगा दिया। प्रार्थी ने कहा कि इस भूमि का सीमाकांन हाईकोर्ट के आदेश से हुआ है और वन और राजस्व की टीम ने मिलकर यह सीमाकंन किया हैं। लेकिन रेंजर ने हथियारो की दम पर भू स्वामी को उक्त भूमि से भगा दिया।
पढि़ए देहात थाना में दिया गया आवेदन
यह कि प्रार्थी शिवशंकर गोयल पुत्र चिरंजीलाल गोयल निवासी टेकरी सदर बाजार शिवपुरी की भूमि क्रं. 105-1 रकवा .20 हेक्टर,सर्वे क्रं.105-1 रकवा 28 बीघा 06 विस्वा स्थित ग्राम मदकपुरा के भूमिस्वामी व आधिपत्य धारी हैं। लम्बे समय से वन विभाग के अधिकारी एंव कर्मचारी प्रार्थी को एसके स्वामित्व व आधिपत्य की भूमि पर बाधा उत्पन्न करते रहे हैं। एंव झूठे आपिराधिक प्रकरण में फॅसाने की धमकी देते रहे हैं।
यह की प्राथी ने वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा डाले जा रहे व्यवधान से परेशान होकर माननीय मप्र उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के समक्ष एक याचिका डब्ल्यूपी 3955-18 शिवशंकर बनाम मप्र राज्य एंव चीफ कंजरवेटर शिवपुरी आदि को पक्षकार बनाकर प्रस्तुत की गई। उक्त रिट पिटीशन में माननीय मप्र उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 19.2.10 को आदेश पारित करते हुये प्रार्थी के हित मेंं उक्त भूमि सर्वे नम्बरान का संयुक्त सीमांकर राजस्व अधिकारी एंव वन विभाग के अधिकारियो की उपस्थिती में किये जाने के निर्देश दिये।
माननीय उच्च न्यायाल के इस आदेश के पालने दिनांक 01.05.2018 को राजस्व और वन विभाग के अधिकारियो एंव वन विभाग ने मिलकर इन सर्वे नंबरो का सीमाकंन किया, और राजस्व के अधिकारियों ने उक्त सर्वे नंबर की भूमि की मुडडिया गाड कर कब्जा रसीद भी राजस्व अधिकारियो ने प्रार्थी को दी।
लेकिन प्रार्थी शिवशंकर गोयल के द्वारा अपनी निजी भूमि पर प्लाटेंशन कर रहे थे, तभी वन विभाग के रेजंर इंद्रजीत सिंह धाकड अपने दल बले क साथ पहुंच गए और शिवंशकर गोयल को को अपनी निजी भूमि पर जाने से रोकते हुए गुंडगर्दी करते हुए हमे झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी दी।
प्रार्थी का कहना है कि पिछले 50 वर्षो से यह भूमि राजस्व होकर मेरे नाम की हैं। और इस पर मोहर माननीय उच्च न्यायालय ने भी लगाई हैं। रेंजर को जब यह कहां गया कि उक्त भूमि का नामांकन हाईकोर्ट के आदेश से राज्स्व ओर वनविभाग के अधिकारियों ने किया हैं। तो रेंजर ने कहा कि में किसी को नही जानता और कोई ओर राजस्व के अधिकारियो के सीमाकंन को नही मानता हॅु। कुल मिलाकर रेंजर ने ठेठ गुंडगर्दी करते हुए भूस्वामी को भगा दिया। इससे व्यथित होकर देहात थाने में भूस्वामी ने उक्त आवेदन दिया हैं।
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