
जानकारी के अनुसार पूर्व परिषद में शिवपुरी नगर पालिका में पीआईसी यानि अध्यक्षीय परिषद के सदस्यों ने मिलकर एचडीपीई पाईपों की नियम विरूद्ध खरीदी कर पीआईसी में चार से पांच गुना अतिरिक्त व्यय स्वीकृत कर मनमाने और नियम विरूद्ध निर्ण लिए जिससे संस्था को आर्थिक क्षति पहुंची है।
यहां बताना होगा कि 17 नवम्बर 2015 को तय की गई रणनीति के बैठक में तय किया गया कि एचडीपीई पाइप खरीदी हेतु ऑनलाईन टेंडर आमंत्रित किया जाए। तत्पश्चात ऑन लाईन आवेदन किया। जिसमें मैंसर्स अनुराग इलेक्ट्रिक से शिवपुरी को 50 एमएम 63 एम.एम एवं 75 एमएम साइज की क्रमश: 4 किलो ग्राम 6 किलोग्राम एवं 10 किलोग्राम सभी प्रकार की न्यूनतम दर प्राप्त हुई।
5 फरवरी को पारित ठहराव के क्रम में वर्क आर्डर प्रदान किया और 19 फरवरी को 4 लाख 96 हजार 100 रूपए की पाईप सप्लाई कर भुतान भी प्राप्त किया। नगर पालिका ने पुन: एचडीपीई पाइप की मांग सृजित की और सीआईसी ने इसी फर्म को बिना नई टेंडर प्रक्रिया के संकल्प क्रमांक 222 दिनांक 1 अप्रैल को पुरानी दरों पर अतिरिक्त व्यय स्वीकृत कर पाईप सप्लाई का वर्क आर्डर कर आदेश भी दे दिए और अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति पुराने ही टेंडर पर जारी की जिस पर से मैसर्स अनुराग इलेक्ट्रिकल शिवपुरी ने 4 लाख 99 हजार 500 रूपए के पाईप की सप्लाई दर्शाकर भुगतान प्राप्त किया।
पुन: तीसरी बार पुराने टेंडर पर अतिरिक्त वह स्वीकृति के आदेश पीआईसी ने जारी कर अपने पदीय कर्तव्यों और संस्था के वित्तीय हितों के विपरीत कृत्य किया। सभी पीआईसी सहित दोषी है। वहीं दूसरे मामले में नपाध्यक्ष ने अपने सगे भाई जण्डेल सिंह कुशवाह को नियम विरूद्ध ढंग से पंप अटेण्डर के पद पर भर्ती कर नियमों की अवहेलना कर पदीय कदाचरण करते हुए घोर वित्तीय अनियमितता की है। जिसकी स्वीकृति 31 जुलाई 2015 को दी हैं।
बताया तो यह जाता है कि जण्डेल सिंह की नियुक्ति मात्र एक माह के लिए की गई थी लेकिन 1 अगस्त से 1 दिसम्बर तक अनबर रूप से 4000 रूपए के माने से नपा से भुगतान प्राप्त किया। यह भी पूर्ण रूप से गलत हैं। जिस पर विधिवत प्रशासनिक रूप से कार्यवाही होना चाहिए।
वहीं तीसरे मामले में कचरा वाहन खरीदने की प्रक्रिया की शिकायत होने पर तत्कालीन जिलाधीश ने इस कचरा गाड़ी खरीदी प्रक्रिया की जांच कराई और एडीएम द्वारा की गई जांच में अनयमितता प्रमाणित होने पर इस क्रय को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया मगर अध्यक्ष और उनकी अध्यक्षीय परिषद के विरूद्ध पदीय दुरूपयोग किए जाने का मामला प्रमाणित होने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
अत: पीआईसी के विरूद्ध नपा अधिनियम की धारा 41 क के तहत कार्यवाही की जाए। साथ ही पीएचई की जल शाखा स्टोर में की गई सामग्री खरीदी यथा मोटर, पाईप, केबिल, तथा अन्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जाकर स्टोर का भौतिक सत्यापन अविलम्ब सुनिश्चित किया जाए तथा पुरानी सामग्री का भी मौके पर भौतिक सत्यापन कराया जाए।
वहीं नपा शिवपुरी स्वास्थ्य शाखा स्टोर में जनवरी 2015 से 30 जून 2018 तक क्रय की गई एल.ई.डी. लाईट, सोडियम वैपर लैम्प एवं अन्य विद्युत सामग्री तथा स्वास्थ्य स्टोर से संबंधित सामग्री का भौतिक सत्यापन कराया जाकर खरीदी की जांच के लिए भाजपा पार्षदों द्वारा एक ज्ञापन 9 जुलाई को जिलाधीश के समक्ष दिया गया था।
इसी के तारतम्य में आज पूरा रिकार्ड देर शाम 6 बजे के करीब एडीएम अशोक चौहान व एसडीएम एलके पाण्डे ने पहुंचकर नगर पालिका अधिकारी गोविन्द भार्गव के समक्ष जप्त कर लिया हैं। साथ ही उन्होंने जांच में जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाता हैं उसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।