
छात्राएं बोलीं -परिजन से शिकायत करो तो वो हम पर ही शक करने लगते हैं...
इसके बाद कक्षा 11 वीं की छात्रा ने सवाल पूछा कि मैडम, हमसे कोई छेडख़ानी और गलत इशारे करता है तो इसकी शिकायत घर पर ही करने में डर लगता है। परिजन पूछते हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं, तुमने ही तो कोई इशारा नहीं किया। ऐसी स्थिति में क्या करें। इस पर विधिक सहायता अधिकारी ने कहा कि परिजन को अपने बच्चों को समझना होगा।
शक करने की प्रवृत्ति को भी छोडऩा होगा। यदि बेटियों पर शक किया जाएगा तो हो सकता है कि वो अपने परिजन को कुछ बताएं ही नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि चलो आप तो समझदार हो, कुछ इशारा कर भी सकती हो लेकिन उन नन्ही बेटियों का क्या कसूर जो 7-8 साल की उम्र में दुष्कृत्य का शिकार हो रही हैं।
जिला विधिक सहायता अधिकारी शिखा शर्मा छात्राओं के सवालों के जवाब देतीं हुईं।
विधिक अफसर का जवाब- अपने माता-पिता को बताएं...
जागरूकता के लिए स्कूल-कॉलेजों का चयन किया है
हाल ही में मासूमों के साथ हुए दुष्कर्म के मामलों के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरबी कुमार ने जागरुकता के लिए हमें निर्देश दिए हैं। हमने ऐसे 36 स्कूल और कॉलेज का चयन किया है, जहां गरीब बच्चे सबसे ज्यादा हैं। इनमें जागरुकता की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। इन्हें पाक्सो, जेजे, पीसी पीएनडीटी एक्ट की जानकारी दी गई।
शिखा शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी, शिवपुरी
शिखा शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी, शिवपुरी