KOLARAS में रेत का रट्टा: अवैध कमाई के लिए फायरिंग, ट्रेक्टर दौड़ाया, थाने पहुंचे और राजीनामा

शिवपुरी। 2 वर्ष पूर्व वन विभाग के अधिकारियों की वसूली के कारण एक फॉरेस्टकर्मी की हत्या कर दी गई थी और उसकी लाश को उफनती नदी में बहा दिया गया था और उसकी लाश भी पुलिस खोज नही सकी थी। वनविभाग के अधिकारियों द्वारा कर्रवाई जा रही वसूली का एक ऐसा ही कारनामा सामने आया है जिसमें आज 2 जानें जा सकती थी। बताया गया है कि एक ट्रेक्टर से वसूली के मामले में हुई झडप में फॉरेस्ट गार्ड ने ट्रेक्टर चालक पर फायर ठोक दिया और चालक ने भी फॉरेंस्ट गार्ड पर ट्रेक्टर चढाने का प्रयास किया। इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले को ट्रेक्टर मालिक और रेंज ऑफिसर ने टेबिल पर बैठाकर सुलटा लिया और कार्रवाई के नाम पर ट्रेक्टर की जब्ती बता दी है। 

जानकारी के अनुसार आज दोपहर कोलारस के भडौता क्षेत्र के जंगल से रेत माफिया के ट्रेक्टर का ड्रायवर रविन्द्र लोधी अपने महिन्द्रा बिना नंबर के ट्रेक्टर से रेत का उत्खनन कर कोलारस लेकर जा रहा था। तभी रामपुर गांव के पास फोरेस्ट के गार्ड दिनेश कुमार मिश्रा ने उक्त ट्रेक्टर को रोक लिया। जब ट्रेक्टर को रोका तो ड्रायवर ने बताया कि इस ट्रेक्टर का मालिक चक्रेश जैन है और उसने चक्रेश जैन को फोन पर ट्रेक्टर के पकड़े जाने की सूचना दी। सूचना मिलने पर चक्रेश जैन मौैके पर पहुंचा। 

बताया जा रहा है कि चक्रेश जैन और फॉरेस्ट गार्ड में लेनदेन को लेकर झड़प होने लगी। इसी झड़प में चक्रेश ने अपने ड्रायवर को आदेश दिया कि वो वन विभाग के कर्मचारी पर ट्रेक्टर चढ़ा दे। उधर फॉरेस्ट गार्ड ने भी ड्रायवर रविन्द्र लोधी पर अपनी प्राईवेट लायसेंसी बंदूक से फायर ठोक दिया। गोली रविन्द्र के कान के पास से गुजर गई और ट्रेक्टर से फॉरेस्ट गार्ड भी बच गया। 

इस गोली काण्ड के बाद ट्रेक्टर का ड्रायवर और मालिक थाने पहुंच गया और फॉरेस्ट गार्ड द्वारा गोली मारने की शिकायत करते हुए मामला दर्ज करने की बात करने लगा। उधर गार्ड और रेंज ऑफिसर भी ट्रेक्टर के ड्रायवर रविन्द्र और मालिक चक्रेश पर ट्रेक्टर चढाने की बात की शिकायत करने लगे लेकिन रेंज के ऑफिसर और ट्रेक्टर ड्रायवर एक टेबिल पर बैठ गए और इस पूरे मामले का सुलटा दिया और कार्रवाई के नाम पर ट्रेक्टर को जब्ती में ले लिया। 

कुल मिलाकर इस रेत के अवैध उत्खन्न और परिवहन में रेंजर की मिली भगत सामने आई है। ट्रेक्टर के मालिक और फॉरेस्ट गार्ड में लेन-देन को लेकर बहस हुई है। इसी क्रम में गोली काण्ड हुआ है। सूत्रो का कहना है कि इस बहस में ट्रेक्टर मालिक का कहना था कि मेरा हिसाब रेंज ऑफिस से है तो फॉरेस्ट गार्ड का कहना था कि इस ट्रेक्टर को जब्त करना है यह हमारे साहब का आदेश है।

इस पूरे मामले में यह बात निकलकर सामने आती है कि रेंज के अधिकारी अपने गार्डों को अवैध उत्खनन रोकने के लिए निर्देशित नहीं करते बल्कि चुनिंदा वाहनों को रोकने के लिए तैनात करते हैं। सारा खेल दवाब बनाने का चलता है और यह दवाब तब तक बनाया जाता है जब तक कि रेत उत्खनन करने वाला उनकी शर्तों को स्वीकार ना कर ले। नहीं तो क्या कारण है कि शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर, फॉरेस्ट गार्ड की हत्या करने का प्रयास करने वाले चक्रेश जैन और उसके ड्राइवर के खिलाफ रेंजर ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई। 

रेंजर ने माना राजीनामा हो गया है

हां फोरेस्ट कर्मचारी पर ट्रेक्टर चढ़ाने का प्रयास किया गया था। जिसपर फोरेस्ट के कर्मचारी ने अपनी जान बचाने के लिए अपनी लाईसेंसी बंदूक से हवाई फायर किया। अब दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया है। हमने ट्रेक्टर को जप्त कर लिया है। 
शैैलेन्द्र सिंह, रेंजर कोलारस। 

राजीनामा कैसे हो सकता है, मामला दर्ज होना चाहिए: डीएफओ

आपके द्वारा इस मामले को संज्ञान मेें लाया गया है कि इतना बड़ा मामला है कि ऐसे कैसे जाना दिया जाऐगा। अगर ट्रेक्टर चढाने का प्रयास किया है तो मामला दर्ज होना चाहिए। मै इस मामले में पुलिस अधीक्षक से बात करता हूॅ। 
डीएफओ लोभित भारतीय

हम तो शिकायत का इंतजार कर रहे हैं: टीआई

दोनो पक्ष थाने आए थे लेकिन शिकायत किसी ने दर्ज नही कराई है अगर कोई भी शिकायत करता और अब भी कराने आऐेंगे तो मामला दर्ज किया जाऐगा।
अवनीश शर्मा, टीआई कोलारस