
आगे जानकारी में आयकरदाताओं को सलाह देते हुए अनिल पाराशर ने बताया कि आयकर विभाग ने रिटर्न दाखिल करने के लिए कानून में बदलाव किया है इसके अंतर्गत अब ऐसे करदाता जिसे ऑडिट कराना जरूरी नहीं है और ना ही वह कंपनी करदाता है, उन्हें यानी सामान्य करदाता को वर्ष 2017-18 का आयकर रिटर्न 31 जुलाई तक जमा करना आवश्यक है।
श्री पाराशर के बताया कि अब नए प्रावधान के मुताबिक साल 2017-18 का रिटर्न किसी भी हाल में 31 मार्च 2019 के बाद जमा नहीं होगा। इसके अलावा 31 जुलाई के बाद पांच लाख रूपए से अधिक सलाना आय वालों पर पांच हजार रूपये की पैनल्टी लगेगी। इसके बाद भी यदि करदाता ने 31 दिसम्बर तक रिटर्न दाखिल नहीं किया तो यह पैनल्टी दस हजार रूपए हो जाएगी।
वहीं पांच लाख रूपये से कम आय वालों के लिए पैनल्टी हर दशा में एक हजार रूपए होगी। हांलाकि आयकर विभाग भी करदाताओं के लिए ईमेल और संदेशों के माध्यम से जागरूक कर रहा है ताकि लोग समय रहते पैनल्टी से बचें और नियमित समयावधि में अपना कर समय पर जमा कर सके।