फर्जी BPL राशनकार्ड काण्ड में नया मोड़, अन्नी शर्मा ने लिखा कलेक्टर को पत्र

शिवपुरी। कल नायब तहसीलदार गजेन्द्र सिंह ने नगर पालिका की बीपीएल राशनकार्ड शाखा में छापा मारकर बीपीएल राशनकार्ड संबंधित समस्त दस्तावेज जप्त कर लिए थे। मुख्य नगर पालिका अधिकारी गोविन्द भार्गव ने फर्जी राशनकार्ड मामले की जांच कराकर पुष्टि की थी कि नगर पालिका के कर्मचारियों और कतिपय दलालों की सहायता से सैकड़ों फर्जी बीपीएल राशनकार्ड बनाए गए। इस मामले में आज एक नया मोड़ तब आया जब नगर पालिका उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने कलेक्टर को पत्र लिखकर फर्जी बीपीएल राशनकार्ड मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। 

उन्होंने कहा कि पिछले आठ माह में निकाय की बीपीएल शाखा ने बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के सैकड़ों फर्जी राशनकार्ड जारी कर दिए। अवैधानिक ढंग से जारी किए राशनकार्ड रिकार्ड में दर्ज नहीं हैं। श्री शर्मा ने कलेक्टर को इस संबंध में उनके पास मौजूद कुछ बीपीएल राशनकार्ड की छायाप्रति और सूची भी संलग्र की है। श्री शर्मा ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि क्योंकि यह मामला निकाय से संबंधित है इसलिए नगर पालिका प्रशासन की तुलना में प्रशासन द्वारा ठीक ढंग से वस्तुनिष्ठ जांच की जा सकती है। 

जानकारी के अनुसार बीपीएल राशनकार्ड स्कूल में प्रवेश सहित अन्य शासकीय योजनाओं का फायदा लेने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। यह मामला तब प्रकाश में आया जब जिन लोगों के पास फर्जी बीपीएल राशनकार्ड था वह उन्हें लेकर अपने बच्चों के एडमिशन हेतु विद्यालय में गए लेकिन समग्र आईडी से मैच न होने के कारण उनके बीपीएल राशनकार्ड को लेने से इंकार कर दिया गया। इससे घबराए वे लोग नगर पालिका में आए और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत कर उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया। 

बताया जाता है कि देखते ही देखते नगर पालिका में 15 से 20 बीपीएल राशनकार्ड धारक आए और उन्होंने अपनी समस्या बताई। जब संबंधित शाखा के कर्मचारियों ने उनकी समस्या का निदान नहीं किया तो वह नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा और सीएमओ गोविंद भार्गव से मिले तथा उन्होंने नपाकर्मचारियों से पूछा कि यदि उनके पास बीपीएल राशनकार्ड है तो वह समग्र आईडी से वह मैच क्यों नहीं हो रहे तथा कम्प्यूटर उन्हें स्वीकार क्यों नहीं कर रहा। इसका जब उन्हें जबाव नहीं मिला तो वह समझ गए कि मामला संदिग्ध है और इस विषय में जब राशनकार्ड धारकों से पूछताछ की गई तो उन्होंने उगल दिया कि पैसे देकर उन्होंने बीपीएल राशनकार्ड बनवाएं हैं। 

यह मामला सामने आने के बाद नायब तहसीलदार ने आज नगर पालिका जाकर संबंधित रिकॉर्ड जप्त कर लिया है।  सूत्र बताते हैं कि बीपीएल शाखा के कर्मचारियों ने 1500 रूपए से लेकर 7000 रूपए की रिश्वत लेकर लगभग 200 फर्जी बीपीएल राशनकार्ड बना दिए। नगर पालिका उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी जानकारी में ऐसे 70-80 राशनकार्ड आ चुके हैं और फर्जी बीपीएल राशनकार्ड सर्वाधिक वार्ड क्रमांक 14 और 15 में बने हैं। यह मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए नगर पालिका से इस मामले का सम्पूर्ण रिकॉर्ड जप्त कर लिया है। 

वहीं सीएमओ गोविंद भार्गव ने मामले की जांच हेतु तीन सदस्यीय समिति बनाई जिसने अपनी रिपोर्ट में फर्जी राशनकार्ड बनाए जाने की पुष्टि की है और इसमें एक दलाल अखैराज तथा दो नगर पालिका कर्मचारी सुनीता कुशवाह तथा रामचंद्र तोमर को दोषी ठहराया है।

तीन सदस्यीय कमेटी ने फर्जीबाड़े की पुष्टि की
यह मामला सामने आने के बाद सीएमओ गोविंद भार्गव ने जांच समिति गठित की। जांच समिति में आरआई पूरन कुशवाह, पीयूष श्रीवास्तव और एआरआई यशवंत जाट शामिल हैं। जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फर्जी बीपीएल राशनकार्ड संबंधित शाखा के कर्मचारियों सुनीता कुशवाह, रामचंद्र तोमर ने एक दलाल अखैराज के साथ मिलकर बनाएं है।