
कलेक्टर श्रीमती गुप्ता ने बैठक को संबोधित करते हुए सभी पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए कि वे अपने कार्यक्षेत्र की सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शतप्रतिशत निरीक्षण करें। यह सुनिश्चित करें कि आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आने वाले हितग्राहियों को मेन्यू के अनुसार ही नास्ता एवं भोजन प्रदाय हो। उन्होंने कहा कि सुपरवाईजर घर-घर जाकर संपर्क करें और अतिकम बजन के बच्चों को एनआरसी (पोषण पुर्नवास केन्द्र) में भर्ती कराने हेतु महिलाओं को प्रेरित करें।
कलेक्टर ने जिले में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों की स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारियों का निर्देश दिए कि ऐेसे भवन जो जर्र-जर्र हालत में है, उन भवनों को समीप के स्कूल या पंचायत भवन में संचालित करें। आवश्यकता होने पर किराए के भवन में भी केन्द्र संचालित किए जा सकते है। उन्होंने सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के निवास पर शौचालय को निर्माण आवश्यक रूप से हो।
सभी परियोजना अधिकारी इस आशय का प्रमाण-पत्र भी दें। उन्होंने सभी सुपरवाईजरों एवं परियोजना अधिकारियो को निर्देश दिए कि आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन पूर्ण होने पर भवनों को अपने अधिपथ्य में लें। निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए कि भवन पूर्ण होने के उपरांत ही विभाग को हस्तांतरित करें। श्रीमती गुप्ता ने मातृ वंदना योजना एवं लाड़ली लक्ष्मी योजना की भी समीक्षा करते हुए गति लाने के निर्देश दिए।
बैठक में इनफोरमेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी रियल टाईम मोनीटरिंग की समीक्षा करते हुए बताया गया कि जिले की 2 हजार 408 आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी एनड्राइड मोबाइल पर फीड की जाएगी। एनड्राइड पर बच्चों का वजन, ऊंचाई एवं उम्र फीड की जाएगी। जो किसी भी समय केन्द्र, राज्य एवं जिला स्तर पर देखी जा सकती है।