भ्रष्टाचार की पोल खुलते देख परिषद छोडक़र भागें मुन्नालाल

शिवपुरी। आज नगर पालिका परिषद की बैठक में द्वितीय बार भी 25 बिन्दुओं का एजेंड़ा प्रस्तुत किया। जैसे ही इस परिषद के एजेंडे पर भाजपा पार्षदों ने नपा अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह से बिन्दुबार चर्चा करना चाही तो उन्होंने तत्काल आनन फानन में और तानाशाह पूर्ण रवैये के साथ चंद मिनिटों में सारे बिन्दुओं को बिना कोई चर्चा किए बिना ही पास करने की कहकर बैठक को छोडक़र निकल लिए। नगर पालिका में आहुत की गई परिषद की बैठक की जानकारी किसी भी नहीं दी। जबकि सीएमओ गोविन्द भार्गव भी अवकाश पर थे। तो फिर परिषद की बैठक आयोजित करने का क्या औचित्य रह जाता है? कल देर रात नपा के नोटिस बोर्ड पर सम्मेलन की सूचना चस्पा की गई, लेकिन पार्षदों को किसी तरह इस योजना की भनक लग गई जिस कारण आज का सम्मेलन हंगामे की भेंट चढ़ गया। 

सम्मेलन में नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह और उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा सहित लगभग सभी पार्षद मौजूद थे, लेकिन नगर पालिका सीएमओ गोविन्द भार्गव की अनुपस्थिति थी और उनके स्थान पर कार्यवाहक सीएमओ आरडी शर्मा सम्मेलन में मौजूद रहे। सम्मेलन शुरू होने के महज 15 मिनट में ही नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह यह कहते हुए उठ गए कि सभी 25 बिन्दु पारित हो गए हैं। इससे भौचक्के भाजपा पार्षदों ने अचानक बैठक स्थगित होने और मनमाने तरीके से बिन्दुओं को  पारित करने का विरोध करते हुए नपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी तथा कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिए पहुंच गए। बताया जाता है कि कलेक्टर ने भाजपा पार्षदों को प्रभारी सीएमओ को सुनने के बाद आश्वासन दिया है कि इस मामले में वह कार्रवाई करेंगी। 

नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा जब परिषद की बैठक आयोजित कर ही ली गई थी तो परिषद में शहर विकास के लिए रखे गए 25 बिन्दुओं पर बिन्दुबार चर्चा किया जाना चाहिए थी लेकिन  नगर पालिका अध्यक्ष परिषद की बैठक से कोई भी चर्चा किए बिना पलायन कर गए। परिषद की बैठक में भाजपा पार्षदों ने रखे गए बिन्दुओं की जानकारी चाही गई। जिनमें भारी भ्रष्टाचार की अशंका व स्वयं की संलिप्तता को देखते हुए नगर पालिका अध्यक्ष परिषद की बैठक को छोडक़र चले गए। जिसे कतई संवैधानिक नहीं माना जा सकता। जिससे आक्रोशित भाजपा पार्षदों ने जिलाधीश के समक्ष जाकर समस्त जानकारी दी।

मिनिट बुक, प्रोसिडिंग रजिस्ट्रर सौंपा जिलाधीश को 
नगर पालिका में आहुत की गई परिषद की बैठक को नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा अचानक छोडक़र जाने से आक्रोशित भाजपाई पार्षदों द्वारा एक जुट होकर जिलाधीश के समक्ष जाकर हकीकत से अवगत कराया। भाजपा पार्षदों ने प्रोसिंडिंग रजिस्ट्रर व मिनिट बुक जिलाधीश को सौंपकर कहा गया है कि नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा प्रभारी सीएमओ आरडी शर्मा से मिलकर न तो परिषद की बैठक में रजिस्ट्रर पर कोई भी बिन्दु पर चर्चा की उसका उल्लेख नहीं हैं न ही उपस्थित पार्षदों के हस्ताक्षर हैं इतना नहीं कितनी मिनिट परिषद की बैठक जारी रही यह भी उल्लेख नहीं हैं। 

जिस पर जिलाधीश ने प्रभारी सीएमओ आरडी शर्मा को जिलाधीश कार्यालय बुलाकर प्रोसिडिंग रजिस्ट्रर की तारीख बाई तारीख लिखित में न होने के कारण उसे अपने कब्जे में जप्त कर लिया गया तो उन्होंने पूरे मामले की जांच करने की बात कही गई। 

नपा अधिनियम के विपरीत बुलाई बैठक: पार्षद शर्मा
वार्ड क्रमांक 9 के कांग्रेस पार्षद आकाश शर्मा ने नगर पालिका द्वारा बुलाई गई साधारण सभा की बैठक को नपा अधिनियम का खुला उल्लंघन बताया। उनका कहना है कि 16 जुलाई को परिषद की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन हंगामे के कारण वह स्थगित हो गई और नगर पालिका ने आज धारा 61(2) का हवाला देकर परिषद की बैठक के लिए सूचना चस्पा कर दी, लेकिन जो बैठक आज आहूत कराई गई है वह नपा अधिनियम के विपरीत है, क्योंकि अधिनियम की धारा 61(2) के अंतर्गत परिषद की बैठक दो दिवस के अंदर बुलानी होती है जो नगर पालिका ने 15 दिन बाद बुलाई है। 

नपा उपाध्यक्ष के वार्ड में सीसी रोड स्वीकृति पर पार्षदों ने किया विरोध


परिषद की बैठक में एजेण्डे में वार्ड क्रमांक 10 में सीसी रोड निर्माण संबंधी बिन्दु़ रखा गया था जिस पर पार्षदों ने अपना विरोध दर्ज कराया और कहा कि अन्य पार्षदों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। अगर वार्ड क्रमांक 10 में सीसी रोड डाली जा रही है तो अन्य पार्षदों को भी 50-50 लाख रूपये की सीसी रोड दी जाए। जिस पर नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने बिना फाइल के सीसी रोड दिए जाने से इंकार कर दिया तो पार्षद विरोध में आ गए और इस बिन्दु के बाद से ही पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया।