
ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर को ऑनलाइन करने की तैयारी है। जिसे हेल्थ इंफॉर्मेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम (एचआईएमएस)से जोड़ा जा रहा है। इसके शुरू होने से जो दवा ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर पर एक महीने में खत्म हो जाती थी अब वो तीन-तीन महीने तक खत्म नहीं होगी। दवाओं की चोरी भी नहीं होगी। हर मरीज की आईडी जनरेट हो रही है। इसके अनुसार ही दवाएं दी जा रही है।
मैनुअल रिपोर्ट गुमी तो भी ऑनलाइन डाटा....
जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ गोविंद सिंह ने बताया कि अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीज का रिकॉर्ड मैनुअल से डिजिटल फार्म में बदलने काम भी चल रहा है। यदि कोई मरीज वार्ड में भर्ती है तो उसका पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन देखा जा सकेगा। उसकी कौन-कौन सी जांच हुई, इसका आसानी से पता लगाया जा सकेगा, मैनुअल रिपोर्ट गुमने के बाद भी ऑनलाइन डाटा से इसे लिया जा सकेगा।