KARERA में कांग्रेस और बसपा का गठबधंन नही हुआ तो भाजपा मजबूत

शिवपुरी। जिले की पांच विधानसभा सीटों में बहुजन समाज पार्टी का सर्वाधिक जनाधार करैरा विधानसभा सीट पर है। 2003 से 2013 के तीन विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने 2003 में करैरा सीट से तब विजय प्राप्त की थी जब यह विधानसभा क्षेत्र सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित था। इसके बाद हुए 2008 के चुनाव में भले ही बहुजन समाज पार्टी जीत नहीं पाई, लेकिन विजयी भाजपा प्रत्याशी के बाद दूसरे नम्बर पर बहुजन समाज पार्टी रही। 2013 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया, लेकिन उसके मतों की संख्या 45 हजार से अधिक रही। 2013 में करैरा से कांग्रेस की शंकुतला खटीक ने भाजपा के मजबूत उम्मीदवार ओमप्रकाश खटीक को 10 हजार से अधिक मतों से पराजित किया। 

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि करैरा में बहुजन समाज पार्टी खासी मजबूत है और यदि कांग्रेस का 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन नहीं हुआ तो भाजपा की स्थिति मजबूत रह सकती है। करैरा में कांग्रेस को एंटी इन्कमबंशी फैक्टर का भी सामना करना पड़ सकता है। 

करैरा विधानसभा क्षेत्र 2008 से आरक्षित हुआ और इसके पहले 2003 के विधानसभा चुनाव में करैरा से बसपा प्रत्याशी लाखन सिंह बघेल छुपे रूस्तम साबित हुए और उन्होंने 37 हजार 365 मत प्राप्त कर विजय प्राप्त की। जबकि भाजपा प्रत्याशी रणवीर रावत जो कि इस समय भाजपा किसान मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष है उन्हें 32 हजार 25 मत मिले और लगभग 5 हजार से अधिक मतों से बसपा ने विजयश्री हासिल की। 

2008 के विधानसभा चुनाव में करैरा सीट आरक्षित होने के बाद बसपा ने प्रागीलाल जाटव को उम्मीदवार बनाया और प्रागीलाल जाटव ने कांग्रेस प्रत्याशी बाबू रामनरेश को पीछे छोड़ते हुए मुकाबले में दूसरा स्थान प्राप्त किया। विजयी भाजपा प्रत्याशी रमेश खटीक को जहां 35 हजार 861 मत हासिल हुए वहीं प्रागीलाल जाटव को 23 हजार 30 मत मिले और रमेश खटीक 12 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीते। 

भाजपा की गुटीय राजनीति में रमेश खटीक यशोधरा राजे खेमे के माने जाते हैं, लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में रमेश खटीक का टिकट काट दिया गया और उनके स्थान पर भाजपा ने कोलारस से तीन बार विधायक रहे ओमप्रकाश खटीक को उम्मीदवार बनाया। चुनाव में जीत कांग्रेस प्रत्याशी शकुंतला खटीक को मिली। 

उन्होंने 59 हजार 371 मत प्राप्त किए जबकि भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश खटीक को 49 हजार 51 मत मिले। बसपा प्रत्याशी प्रागीलाल जाटव उनसे अधिक पीछे नहीं रहे और उन्हें 45 हजार 265 मत मिले। इससे स्पष्ट है कि कोलारस में बहुजन समाज पार्टी की स्थिति बहुत मजबूत है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन के आसार बन रहे हैं और ऐसी संभावना है कि जिले की पांच सीटों में से करैरा सीट बसपा को मिल सकती है, परंतु यदि करैरा में कांग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन नहीं हुआ तो इसका लाभ भाजपा को मिलना तय है। 

भाजपा से ये हैं टिकट के प्रमुख दावेदार 

करैरा विधानसभा क्षेत्र में खटीक मतदाताओं की संख्या अधिक नहीं है। इस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 70 हजार मतदाता अनुसूचित जाति वर्ग के हैं, जिनमें से सर्वाधिक 45 हजार मतदाता जाटव हैं, लेकिन इसके बाद भी भाजपा में टिकट की दौड़ में दो खटीक प्रत्याशी सर्वाधिक आगे हैं। 2008 के विधानसभा चुनाव में विजयी रमेश खटीक टिकट के लिए खूब दौड़ भाग कर रहे हैं। वह स्थानीय भी हैं और उन्होंने अभी तक एक ही विधानसभा चुनाव 2008 में लड़ा था जिसमें वह विजयी हुए थे। 

रमेश खटीक के अलावा भाजपा की ओर से 2013 में पराजित हुए ओमप्रकाश खटीक भी प्रमुख दावेदार हैं उनकी क्षेत्र में सक्रियता लगातार बनी हुई है। विवाह शादी और गमी में उनकी उपस्थिति लगातार बनी हुई है। इनके अलावा भाजपा नेता सुभाष जाटव और हरिशंकर परिहार के नाम भी चर्चा में हैं। क्षेत्र में जाटव मतदाताओं के बाहुल्य के कारण सुभाष जाटव टिकट के प्रति आशान्वित हैं। 

पूर्व विधायक रणवीर रावत का उन्हें नजदीकी माना जाता है। जिला पंचायत सदस्य श्रीमति शशिबाला परिहार के पति हरिशंकर परिहार भी करैरा से भाजपा टिकट के आकांक्षी हैं। टिकट के लिए वह भरसक प्रयास कर रहे हैं। ग्राम पंचायत के पूर्व में सचिव रहे हरिशंकर पर लगभग 80 लाख रूपए के गबन का आरोप भी है और उन पर न्यायालय में मुकदमा भी चल रहा है, लेकिन श्री परिहार का कहना है कि न्यायालय ने फैसला उनके पक्ष में लिया है।